प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) द्वारा पात्रा चॉल पुनर्विकास मामले में आरोप पत्र दायर करने और उनसे जुड़ी एक बैठक का जिक्र किए जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि वह किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए ‘हमेशा तैयार’ हैं। जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने सरकार इस तरह की जांच करा रही है।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पवार ने केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि "मामले दर्ज करना और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करना केंद्र की प्रमुख परियोजना लगती है।" उन्होंने कहा, "मैं किसी भी तरह की पूछताछ के लिए हमेशा तैयार हूं। लेकिन मैं सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि अगर मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार साबित होते हैं, तो उन पार्टी नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए हैं।"
अंग्रेजी दैनिक अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने एक जांच श्रृंखला शुरू की है और बताया है कि 2014 के बाद से राजनेताओं के खिलाफ ईडी के जांच के मामलों की संख्या चार गुना बढ़ गई है, जिसमें से 95% विपक्षी नेताओं के खिलाफ़ है।
पवार ने भाजपा शासित केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा, "जब भी उन्हें चुनाव के परिणाम के बारे में कुछ संदेह होता है, तो समाज के सामने से प्रमुख मुद्दों और चुनौतियों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार इस तरह की जांच शुरु करती है।" राकांपा प्रमुख ने कहा कि हम इसका राजनीतिक रूप से जवाब देंगे।
मुंबई के पात्रा 'चॉल' पुनर्विकास परियोजना मामले में एक प्रमुख गवाह ने ईडी को बताया है कि 2008-09 के दौरान, इलाके के कुछ निवासियों ने उपनगरीय गोरेगांव में मकान के पुनर्विकास के लिए स्थानीय राजनेताओं के माध्यम से शरद पवार से संपर्क किया था। ईडी पात्रा चाल मामले के संबंध में कथित धन शोधन पहलू की जांच कर रही है, जिसमें शिवसेना सांसद संजय राउत आरोपी हैं। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।