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शरद गुट ने की नई पार्टी की घोषणा, 18 मई को दिल्ली में होगा राष्ट्रीय सम्मेलन

जेडीयू से अलग हुए शरद गुट ने गुरुवार को अपनी अलग पार्टी बना ली है। यादव 18 मई को अपने समर्थकों का एक...
शरद गुट ने की नई पार्टी की घोषणा, 18 मई को दिल्ली में होगा राष्ट्रीय सम्मेलन

जेडीयू से अलग हुए शरद गुट ने गुरुवार को अपनी अलग पार्टी बना ली है। यादव 18 मई को अपने समर्थकों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में करने जा रहे हैं, जिसमें विधिवत रूप से नई पार्टी की शुरुआत की जाएगी। नई पार्टी के नाम को चुनाव आयोग से मंजूरी मिल गई है।

जानिए, क्या होगा पार्टी का नाम?

पीटीआई के मुताबिक, शरद यादव की नई पार्टी का नाम ‘लोकतांत्रिक जनता दल’(एलजेडी) होगा। चुनाव आयोग के पास लोकतांत्रिक जनता के अलावा समाजवादी जनता दल जैसे नाम भी भेजे गए थे। लेकिन आयोग ने लोकतांत्रिक जनता दल के नाम पर मुहर लगाई। हालांकि अभी ये तय नहीं है कि पार्टी का चुनाव चिन्ह क्या होगा? 

नई पार्टी के साथ होगा मेरा आशीर्वाद: शरद यादव

नई पार्टी ‘लोकतांत्रिक जनता दल’(एलजेडी) के राष्ट्रीय सचिव सुशीला मोराले ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की घोषणा की, जहां शरद यादव भी मौजूद थे। इस दौरान शरद ने जोर देकर कहा कि वह अभी तक नई पार्टी के सदस्य नहीं हैं। हालांकि इस दौरान यादव ने कहा कि एलजेडी के साथ उनका आशीर्वाद होगा।  

18 मई को नई पार्टी का औपचारिक ऐलान 

मोरेल ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, नवनिर्मित संगठन का एक राष्ट्रीय सम्मेलन 18 मई को आयोजित किया जाएगा और यादव इसके लिए मार्गदर्शक (सलाहकार) के रूप में उपस्थित होंगे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यादव नई पार्टी का हिस्सा नहीं होंगे।

पार्टी का लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए विकल्प तैयार करना है

शरद यादव की इस प्रस्तावित पार्टी से जुड़े लोगों के मुताबिक, पार्टी का मुख्य लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए एक विकल्प तैयार करना है। पार्टी का 2 मुख्य उद्देश्य होगा। पहला, बीजेपी को सत्ता से हटाना और दूसरा दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पिछड़ों की लड़ाई लड़ना। दोनों की मुद्दों पर शरद की ये नई कोई समझौता नहीं करेंगी।

तो इसलिए किया नई पार्टी का ऐलान

गौरतलब है कि पिछले साल जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से शरद यादव नाराज थे। इसके बाद से ही उन्होंने पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया। इतना ही नहीं वे पिछले साल 27 अगस्त को लालू की रैली में शामिल भी हुए। जिसके बाद नीतीश ने शरद की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की अर्जी दे दी और अब वो अपनी खुद की पार्टी बनाने जा रहे हैं।

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