शरद यादव के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) गुट के एक विधायक ने पार्टी चिह्न (तीर) के संबंध में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गुट को असली जदयू करार देते हुए उसे पार्टी चिह्न इस्तेमाल करने का असली हकदार बताया था।
शरद यादव गुट के कार्यकारी अध्यक्ष गुजरात के विधायक छोटाभाई वसावा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मामले पर तत्काल सुनवाई किए जाने की मांग करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष यह मुद्दा उठाया। वसावा की ओर से वकील निजाम पाशा ने पीठ से कहा कि चुनाव आयोग का 17 नवंबर का आदेश खारिज किया जाना चाहिए, क्योंकि जदयू के आधिकारिक चिह्न पर फैसला लेने में गंभीर चूक हुई है। संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ मामले पर तत्काल सुनवाई को तैयार हो गई।
नीतीश कुमार गुट का पक्ष रखते हुए वकील गोपाल सिंह ने याचिका का विरोध किया और कहा कि चुनाव आयोग ने विभिन्न मौकों पर मामले की सुनवाई की और उचित तरह से आदेश दिए हैं।
जुलाई में भाजपा से गठबंधन करने के निर्णय के बाद कुमार और यादव अलग हो गए थे और पार्टी में प्रभुत्व को लेकर दोनों में जंग शुरू हो गई थी।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि नीतीश कुमार नेतृत्व वाले गुट को विधानसभा और पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में भारी समर्थन प्राप्त है, जो जदयू की शीर्ष संगठनात्मक निकाय है।