वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद कहा है कि उन्हें लोकतंत्र की खातिर बोलने की सजा मिली है।
यादव ने राज्यसभा के सोमवार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में आज यानी मंगलवार को कहा कि उन्हें बिहार में बने महगठबंधन को तोड़ने संबंधी अपनी पार्टी के फैसले की खिलाफत करने के कारण संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी है।
शरद यादव ने ट्वीट किया, ‘मुझे राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है। बिहार में राजग को हराने के लिए बने महागठबंधन को 18 महीने में ही सत्ता में बने रहने के मकसद से राजग में शामिल होने के लिए तोड़ दिया गया। अगर इस अलोकतांत्रिक तरीके के खिलाफ बोलना मेरी भूल है, तो लोकतंत्र को बचाने के लिए मेरी ये लड़ाई जारी रहेगी।
If I am disqualified from Rajya Sabha because I respect democratic values, follow d party constitution & respect d mandate given by 11 crore people of Bihar for Mahagathbandan then I will continue to do so not only for d people of Bihar but d country as a whole.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) December 5, 2017
बता दें कि राज्यसभा के सभापति ने जदयू से राज्यसभा सदस्य यादव और अली अनवर को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आर. सी. पी. सिंह ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण यादव और अनवर की सदस्यता रद्द करने की सभापति से अनुशंसा की थी।
सभापति ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सोमवार देर शाम यह फैसला दिया है। शरद गुट के नेता जावेद रजा ने कहा कि उन्हें सोमवार देर रात इस फैसले की प्रति मिली है। इसके कानूनी पहलुओं पर आज विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।