शिवसेना ने देश की सबसे रईस नगर निकाय के लिये भाजपा से गठबंधन नहीं करने की संकेत दिये हैं। सेना ने कहा कि भगवा पार्टी से उसकी लड़ाई जारी रहेगी और वह कठिन रास्ते पर चलती रहेगी, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव में भाजपा को शानदार जीत मिली है और वह 10 में से आठ नगर निगमों की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि भाजपा अपनी कलहप्रिय सहयोगी पार्टी शिवसेना से पीछे रह गयी। शिवसेना को अपने गढ़ मुंबई के नगर निकाय चुनाव में कुल 84 सीटें मिली हैं।
निकाय चुनाव परिणाम के एक दिन बाद सेना ने अपने मुखपत्र सामना में दावा किया कि भाजपा ने इस चुनाव में राज्य की पूरी मशीनरी का इस्तेमाल किया। इसमें कहा गया कि बृहन्नमुंबई नगर पालिका और अन्य स्थानीय निकाय चुनाव में अभूतपूर्व परिणाम हासिल करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत लगा दी।
इसमें दावा किया गया, सेना पिछले 25 साल से बीएमसी में सत्तारूढ़ है। भाजपा ने हमारे शासन को अस्थिर करने के लिए छल का सहारा लिया। इससे पहले कांग्रेस के राज में एेसा कभी नहीं हुआ। सेना ने दावा किया, बीएमसी चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन उसके बावजूद उसे केवल 82 सीटें मिलीं। बीएमसी का मेयर शिवसेना से ही होगा। बीएससी के परिणाम कल घोषित हुये थे, जिसमें शिवसेना को 84, जबकि भाजपा को 82 सीटें मिली थीं। कांग्रेस केवल 31 सीटें जीतकर तीसरे नंबर पर रही, जबकि राकांपा और राज ठाकरे की मनसे को क्रमश: नौ और सात सीटें हासिल हुई। सेना ने आज कहा कि वह अग्निपथ पर चलती रहेगी और परिणाम की चिंता किये बगैर अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    