शिवपाल यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसी को लेकर परिवार में घमासान मचा हुआ है। गुरूवार रात शिवपाल ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। शिवपाल के साथ उनके पत्नी और बेटे ने भी इस्तीफा दे दिया। इसे लेकर माना जा रहा था कि पार्टी अब बिखर जाएगी। शिवपाल समर्थकों ने उनके आवास पर डेरा डालकर उनके साथ रहने की बात कही। बड़ी संख्या में समर्थकों को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि नेता जी जो भी कहेंगे उसे हम मानेंगे। उनका संदेश ही हमारे लिए आदेश है।
शिवपाल के साथ पार्टी के कई विधायक भी नजर आ रहे थे। पिछले दिनों खनन मंत्री के पद से बर्खास्त किये गये गायत्री प्रसाद प्रजापति भी इस दौरान शिवपाल के साथ खड़े दिखे। गौरतलब है कि 13 सितम्बर को शिवपाल के करीबी अधिकारी दीपक सिंघल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मुख्य सचिव पद से हटाये जाने के बाद मुख्यमंत्री को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह शिवपाल को जिम्मेदारी दे दी गयी थी। थोड़ी ही देर बाद अखिलेश ने शिवपाल से लोकनिर्माण, राजस्व और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे।
इससे बढ़ी तल्खी के बीच शिवपाल ने कल शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मंत्री पद तथा प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अखिलेश ने मंत्री पद से उनके त्यागपत्र को अस्वीकार कर दिया था। साथ ही मुलायम ने भी सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से शिवपाल के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया था।