Advertisement

PM न बनने पर बोलीं सोनिया- भरोसा था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री होंगे

कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने एक गहरे आत्मविश्लेषी...
PM न बनने पर बोलीं सोनिया- भरोसा था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री होंगे

कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने एक गहरे आत्मविश्लेषी भाषण में अपने बच्चों, अपनी कमियों और भारत में लोकतंत्र की भूमिका समेत कई विषयों पर बात की। पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद यह पहला मौका है जब उन्होंने इस तरह से खुलकर बात की।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सोनिया ने साफ तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में चर्चा और मतभेद दोनों स्वीकार्य हैं, पर एकालाप नहीं। उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया कि राष्ट्र निर्माताओं को बदनाम किया जा रहा है।

इस दौरान सोनिया ने बीजेपी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी देश में कांग्रेस की छवि मुस्लिमों की पार्टी बनाने में सफल रही जबकि सच यह नहीं है।

राजनीति आज एक अलग दौर से गुजर रही है: सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा कि राजनीति आज एक अलग दौर से गुजर रही है। लोकतंत्र में खुली बहस की छूट होनी चाहिए, लेकिन आज अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष विरोध की आवाजों को दबाने की कोशिश कर रहा है और संविधान के सिद्धांतों पर प्रहार किया जा रहा है।

राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने के बाद पहली बार सोनिया गांधी ने सार्वजनिक मंच में शामिल हुईं और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया। सोनिया गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि वह राजीव गांधी के साथ यात्रा करने के दौरान कहीं भी जाती थीं, तो हमेशा उस स्‍थान पर स्थित हर बड़े मंदिर जाती थीं, लेकिन कभी भी उन्‍होंने इसका दिखावा नहीं किया।

मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर PM होंगे

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस दौरान सोनिया ने पीएम न बनने वाले सवालों के जवाब में कहा कि मुझे मालूम था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर PM होंगे, क्योंकि मुझे अपनी सीमाओं का ज्ञान था। इसलिए हमने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का नया तरीका विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने राहुल गांधी की क्षमताओं में भरोसा भी जताया।

कॉन्क्लेव में सोनिया गांधी ने एक अहम बयान देते हुए यह भी कहा कि मुझे स्वाभाविक तौर पर भाषण देना नहीं आता, इसलिए सभी मुझे नेता नहीं बल्कि भाषण पढ़ने वाला कहते थे।

आधार पर कसा तंज 

सोनिया गांधी ने आधार को अनिवार्य बनाने पर कहा, ‘हमारी ज्‍यूडिशियरी संकट में है। पारदर्शिता के लिए आरटीआई लाया गया, लेकिन आज यह कानून कोल्‍ड स्‍टोरेज में है। आधार को कंट्रोल करने के हथियार के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा रहा है।‘


 

कायर समझते 

 

सोनिया गांधी ने राजनीति में अपनी शुरूआत के बारे में बताते हुए कहा कि अगर वह यह कदम नहीं  उठाती तो लोग उन्हें कायर समझते। उन्‍होंने  कहा, 'राजनीति में नहीं आती तो लोग मुझे कायर कहते। कांग्रेस मुश्‍किल में थी इसलिए फैसला बदला।'

 

कांग्रेस करेगी वापसी

 

सोनिया गांधी ने दावे के साथ कहा कि बीजेपी 2019 में वापसी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि लगातार 10 साल तक सत्ता में रहने के कारण कांग्रेस को विरोध का समना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि 'अच्छे दिन' का हाल भी 'इंडिया शाइनिंग' जैसा ही होगा।

 

हालांकि सोनिया ने माना कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी के सामने मार्केटिंग में मात खानी पड़ी।सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी से कनेक्ट करने के लिए नई स्टाइल की जरूरत है। इसके साथ ही कांग्रेस को अपने प्रोग्राम और पॉसिलीज को नए तरीके से पेश करने की जरूरत है।


 

क्‍या चार साल में ही हुई तरक्‍की

सोनिया गांधी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए सवाल भी किया कि क्‍या चार साल पहले बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही देश तरक्‍की, विकास और समृद्धि की ओर अग्रसर हुआ है. क्‍या उससे पहले तक देश में तरक्‍की, विकास और खुशहाली जैसी कोई चीज नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि क्‍या बीजेपी का ऐसा दावा हमारे लोगों की बुद्धिमता की बेइज्‍जती नहीं है।

मुझे स्वाभाविक तौर पर भाषण देना नहीं आता: सोनिया

सोनिया ने कहा, मुझे स्वाभाविक तौर पर भाषण देना नहीं आता इसलिए मुझे नेता (लीडर) के बजाए भाषण पढ़ने वाला (रीडर) कहा जाता था।  71 वर्षीय सोनिया गांधी 19 वर्षों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। पिछले साल पार्टी के आंतरिक चुनाव के बाद उनके बेटे राहुल गांधी ने उनकी जगह ली।

कॉन्क्लेव के प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान पार्टी के मामलों पर राहुल को सलाह देने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं खुद ऐसा नहीं करने की कोशिश करती हूं। राहुल पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं और यह कोई आसान काम नहीं है’।

पूर्वोत्तर राज्यों में मतों की गिनती के दौरान राहुल के देश में मौजूद नहीं रहने की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार करने के बाद वह तीन दिन के लिए इटली में अपनी नानी को देखने गए थे।

वहीं, अपनी बेटी प्रियंका गांधी के राजनीति में आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘प्रिंयका फिलहाल अपने बच्चों की देख-रेख में व्यस्त हैं। यह उनका फैसला है और भविष्य के बारे में कोई नहीं जानता’।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad