लोकसभा चुनाव के साथ ही नेताओं के निष्ठा बदलने का सिलसिला भी जोरों पर है। लेकिन, इस कड़ी में कांग्रेस के कुछ नेताओं के दल बदलने की चर्चा अफवाह ही साबित हुई है। इन नेताओं में जितिन प्रसाद, दीपा दासमुंशी और अल्पेश ठाकोर जैसे नाम हैं।
सबसे पहले बात मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद की। वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं। लेकिन, शुक्रवार को उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें तेजी से फैलीं। हालांकि, दिन ढलते-ढलते यह अफवाह ही निकली, जब जितिन और कांग्रेस दोनों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। जितिन ने कहा, “ऐसे किसी सवाल का कुछ आधार होना चाहिए। मैं किसी काल्पनिक सवाल का जवाब क्यों दूं।”
पार्टी छोड़ने की चर्चाओं के जोर पकड़ने से पहले जितिन ने बेरोजगारी को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था। फिर भी यह दावा किया जा रहा था कि वे भाजपा में जा रहे हैं। इसकी वजह बताई जा रही थी कांग्रेस के भीतर उनकी उपेक्षा और लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ने का दबाव। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा था कि जितिन धौरहरा से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस उनके ऊपर लखनऊ में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए दबाव डाल रही है। हालांकि कांग्रेस उन्हें धौरहरा से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, जहां से वे 2009 में सांसद चुने गए थे।
इस बीच, भाजपा ने 184 उम्मीदवारों की जो सूची जारी की उसमें धौरहरा से प्रत्याशी का नाम नहीं था, जबकि इसके अगल-बगल की सीटों के उम्मीदवारों के नाम सूची में थे। इससे भी जितिन के कांग्रेस छोड़ने की खबरों को बल मिला। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व भी सक्रिय हुआ। पार्टी महासचिव व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनसे मुलाकात की तो वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बात।
इससे पहले मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री रहीं दीपा दासमुंशी के भाजपा में जाने की खबरें भी इसी तरह उड़ी थीं। बताया गया कि पश्चिम बंगाल की रायगंज सीट को लेकर कांग्रेस-माकपा में मची खींचतान की वजह से वह पार्टी छोड़ने जा रही हैं। भाजपा नेता मुकुल रॉय के साथ उनकी बातचीत फाइनल होने का भी दावा किया गया। इस पर विराम तब लगा जब दीपा ने कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहीं और कांग्रेस के साथ हैं। फिलहाल दीपा रायगंज से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
गुजरात में इसी तरह ओबीसी नेता और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर के भाजपा में शामिल होने की खबर भी बाद में अफवाह निकली। इनके अलावा महारष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय ककाड़े, बिहार में पार्टी के विधानपार्षद देवेश चंद्र ठाकुर, लोजपा सांसद महबूब अली कैसर, भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा जैसे नेताओं के पाला बदलने की खबरें भी जोर-शोर से चली हैं, जो अब तक अफवाह ही साबित हुई हैं।