सुभाष चंद्रा ने अदालत में अपने प्रतिद्वंद्वी आर.के. आनंद द्वारा दायर चुनावी याचिका को खारिज करने के लिए याचिका दायर की थी जिस पर न्यायमूर्ति पी.बी. बाजंथरी ने यह आदेश दिया। चंद्रा के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने अपनी चुनावी याचिका के साथ भ्रष्ट आचरण के आरोपों के समर्थन में हलफनामा नहीं दिया जैसा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और चुनाव संचालन नियमों के तहत जरूरी है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उच्चतम न्यायालय भी यह कह चुका है कि हलफनामा चुनावी याचिका का अभिन्न अंग है। चंद्रा के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कानून के अनिवार्य प्रावधान का उल्लंघन किया है ऐसे में यह चुनावी याचिका खारिज किए जाने योग्य है।