दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जिसके बाद से भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता और सांसद मनोज तिवारी ने एक बयान देते हुए 'आप' पर निशाना साधा है।
मनोज तिवारी ने अपने बयान में कहा है, "आम आदमी पार्टी के तमाम नेता भ्रष्टाचार में लिप्त है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बेल देने से इनकार कर दिया है। जो पाप करता वह उनके सामने आता ही है। मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही आम आदमी का जो शीर्ष नेतृत्व है वह भी गिरफ्तार होगा और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी गिरफ्तार होंगे क्योंकि यह सब भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं"।
वहीं, अरविंद केजरीवाल पर तंज कस्ते हुए बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला का कहना है, ''ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 338 करोड़ रुपये का मनी ट्रेल हुआ है....लेकिन 'आप' लगातार कह रही थी कि मनी ट्रेल कहां है? वे इसके बारे में देश के लोगों से झूठ बोलते रहे। कब तक अरविंद केजरीवाल इन लोगों का बचाव करते रहेंगे..."?
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने आगे कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान दर्ज किए हैं कि इन मामलों की सुनवाई छह से आठ महीने में समाप्त हो जाएगी। पीठ ने कहा, "अगर मुकदमा "ढुलमुल तरीके" से आगे बढ़ता है, तो सिसोदिया इन मामलों में तीन महीने में जमानत के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।" शीर्ष अदालत ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में दायर सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। इसने 17 अक्टूबर को दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिसौदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को "घोटाले" में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी (आप) नेता तब से हिरासत में हैं। ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया। सिसौदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। हाईकोर्ट ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और एक्साइज मंत्री रहने के कारण वह एक "हाई-प्रोफाइल" व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 3 जुलाई को, हाईकोर्ट ने शहर सरकार की एक्साइज पॉलिसी में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन-शोधन मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप "बहुत गंभीर प्रकृति" हैं।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, नई नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा मार्जिन 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि नई नीति के परिणामस्वरूप गुटबंदी हुई और शराब लाइसेंस के लिए अयोग्य लोगों को मौद्रिक लाभ दिया गया। हालांकि, दिल्ली सरकार और सिसोदिया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि नई नीति से दिल्ली के राजस्व हिस्से में वृद्धि होगी।