सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन के एक मामले के संबंध में पिछले साल गिरफ्तार किए गए तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सोमवार को जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने ईडी को नोटिस जारी किया और उसे 29 अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी को बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे गलत संदेश जाएगा और यह वृहद जनहित के खिलाफ होगा।
उसने कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता (आरोपी) लगभग आठ महीने से हिरासत में है, इसलिए धन शोधन मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को दैनिक आधार पर सुनवाई कर इसे तीन महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए जाते हैं।
उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था था कि मुकदमे की सुनवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए दिशा निर्देशों के अनुसार नियमित आधार पर की जाए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नकदी के बदले नौकरी’ घोटाले में 14 जून 2023 को सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था। यह घोटाला पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान का है जब बालाजी परिवहन मंत्री थे।
ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था।
उच्च न्यायालय ने पहले 19 अक्टूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एक स्थानीय अदालत ने भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।