राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां कांग्रेस ने शुरू कर दी है। इसी कड़ी में मीडिया विंग और प्रचार तंत्र के नेटवर्क को मजबूती देने के लिए पार्टी ने टैलेंट हंट करवाया है। किसी राजनीतिक दल के टैलेंट हंट का संभवतः यह पहला वाकया है। हालांकि प्रदेश मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा की दखलंदाजी के कारण पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 11 से 13 जनवरी तक चले टैलेंट हंट में पार्टी प्रवक्ता बनने के लिए बड़े-बड़े डिग्रीधारी शामिल हुए थे। एमबीए, डबल एमए, इंजीनियरिंग, पॉलिटिकल सांइस में पीएचडी धारी तक साक्षात्कार में शामिल हुए। साक्षात्कार से प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल को दूर रखने की पूरी कोशिश की गई। एआईसीसी सचिव प्रणव झा और एआईसीसी मीडिया कॉर्डिनेटर रोहन गुप्ता ने जयपुर पहुंच साक्षात्कार लिया।
लेकिन, अर्चना शर्मा ने जिस तरीके से पति सोमेन्द्र शर्मा और अपने खास समर्थक सी-स्कीम ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष स्वर्णिम चतुर्वेदी की ड्यूटी फॉर्मों की छंटनी से लेकर उम्मीदवारों का साक्षात्कार तय करवाने में लगा दी, उससे कई सवाल पैदा हो गए हैं। सोमेन्द्र शर्मा पिछले दिनों एयरपोर्ट भूमि विवाद के निपटारे के लिए जयपुर शहर से बीजेपी सांसद रामचरण बोहरा का अभिनंदन करते नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने बोहरा को अगले लोकसभा चुनाव में पिछली बार से ज्यादा वोट मिलने का दावा भी किया था। अर्चना शर्मा के ससुर आचार्य धर्मेन्द्र भी आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
गौरतलब है कि अच्छे प्रवक्ताओं की कमी से जूझ रही कांग्रेस के पास इस समय प्रदेश में केवल तीन प्रवक्ता हैं। ये हैं, खाचरियावास, सुरेश चौधरी और अर्चना शर्मा। खाचरियावास और सुरेश चौधरी जनाधार वाले नेता हैं। पूर्व विधायक खाचरियावास जयपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। सिविल लाइंस से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, सुरेश चौधरी पूर्व में कांग्रेस सेवादल के प्रदेश मुख्य संगठक रहे हैं। वे नवलगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। जयपुर को छोड़कर शेष 38 जिलों में भी पार्टी अच्छे प्रवक्ताओं की कमी लंबे समय से महसूस कर रही है।
...इसलिए टैलेंट हंट
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेश चौधरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर प्रखर वक्ता, शोधार्थी, कंटेट लेखक और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट की तलाश की जा रही है। मीडिया पैनलिस्ट्स तैयार कर जनता के बीच कांग्रेस की विचारधारा रखने और बीजेपी सरकार की विफलताएं गिनाने के लिए प्रतिभाओं की खोज की जा रही है। सोशल मीडिया के लिए ऐसे टेक्नोसेवी और पढ़े-लिखे युवाओं की तलाश की जा रही है, जो कांग्रेस की विचारधारा की भी जानकारी रखते हो।