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दूसरे नेताओं की तरह लालू के दोनों लाल ने नहीं ली कोविशील्ड-कोवैक्सीन, जानिए- देशी छोड़ स्पूतनिक पर क्यों किया भरोसा

बुधवार को आखिरकार महागठबंधन के चेहरे और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव और पूर्व स्वास्थ्य...
दूसरे नेताओं की तरह लालू के दोनों लाल ने नहीं ली कोविशील्ड-कोवैक्सीन, जानिए- देशी छोड़ स्पूतनिक पर क्यों किया भरोसा

बुधवार को आखिरकार महागठबंधन के चेहरे और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कोरोना वैक्सीन ले ली है। लेकिन, दिलचस्प है कि देश में जो दो वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है, उसे राजद सुप्रीमो लालू यादव के दोनों लाल ने नहीं लिया है। बल्कि, रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी लिया है। तो क्या पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को देशी वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। इस बाबत जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि कोई भी वैक्सीन हो, इससे क्या फर्क पड़ता है। वैक्सीन तो वैक्सीन है। राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने जयप्रभा मेदांता अस्पताल में स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाई है।

अब दोनों भाइयों के स्पूतनिक वैक्सीन लेने को लेकर बिहार की राजधानी पटना का सियासी पारा भी हमलावर हो गया है। सत्तारूढ़ दल एनडीए की अगुवाई कर रहे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने तेजस्वी यादव को बड़े बाप के बेटे कहा है। साथ ही जेडीयू ने हमला बोलते हुए दागी भी करार दिया है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है, "ट्विटर बबुआ तेजस्वी यादव जनवरी में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान को काल्पनिक बता रहे थे। अब उन्हें एहसास हुआ है कि कोरोना के खिलाफ लड़ना है तो टीका लेना है।"

आगे जेडीयू प्रवक्ता नीरज ने कहा है, "तेजस्वी ने टीका लिया लेकिन देशी नहीं विदेशी। बड़े लोग हैं। बड़े बाप के बेटे हैं। दागी हैं। आर्थिक मुकदमों का जंजाल झेल रहे हैं। स्वभाविक है, इनका टेस्ट कुछ अलग होगा हीं।"

स्पूतनिक को देश में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल चुकी है और न्यूनतम स्तर पर ये अभी उपलब्ध है। स्पूतनिक वी सबसे पहले रजिस्टर्ड की गई कोरोना वायरस वैक्सीन में से एक थी जो विश्व स्तर पर उपयोग के लिए अधिकृत की गई थी। 

'स्‍पूतनिक वी' का दावा है कि ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 91.6 प्रतिशत असरदार है। 'द लैंसेट' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये वैक्‍सीन कोविड-19के गंभीर इन्‍फेक्‍शन से पूरी सुरक्षा देती है। रूस में हुए ट्रायल के अलावा भारत में डॉ रेड्डीज ने फेज 2 और 3 के ट्रायल किया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देश में बड़े स्केल पर इस्तेमाल किए जा रहे कोविशील्ड और कोवैक्सीन स्पूतनिक वी से कम असरदार है। वहीं, कोविशील्ड के दोनों डोज के अंतराल में बढ़ोतरी भी की गई है, जो अब 12-16 सप्ताह है।

 

 

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