समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 16 सितम्बर को ठठियामंडी (कन्नौज) से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी तक 50 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर लोकसभा चुनाव प्रचार का शुभारंभ करेंगे।
अखिलेश की इस साईकिल यात्रा से माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों खासकर सपा, बसपा और रालोद में सीटों को लेकर बातचीत तय हो गई है और सही वक्त आने पर इसकी घोषणा की जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री की साइकिल यात्रा की शुरूआत खचांजी परिवार द्वारा हरी झंडी दिखाने से शुरू होगी। नोटबंदी के दिनों में एक बैंक की लाइन में लगी महिला का प्रसव हो गया था। नवजात शिशु को तब अखिलेश यादव ने खजांची नाम दिया था। इस साइकिल यात्रा का समापन उस बच्चे का परिवार करेगा, जिसका प्रसव आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुआ था। इस एक्सप्रेस-वे पर सेना का माल वाहक और युद्धक विमान उतर चुके हैं और एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 302 किमी है।
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि यह साइकिल यात्रा लोकसभा चुनावों के लिए विजय यात्रा है। इस साइकिल यात्रा का संदेश ‘हक और सम्मान‘ सबके लिए होगा। अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा से ही 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बनाने में सफलता हासिल हुई थी।
नौजवानों की टोलियां भी तब उनके निर्देश पर साइकिल यात्राओं से जनसम्पर्क पर निकली थीं। अब फिर यह विश्वास बना है कि उत्तर प्रदेश में राजनीतिक परिवर्तन की नई लहर बनेगी और सत्ता, व्यवस्था में अवश्य परिवर्तन होगा। अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा के माध्यम से जन संवाद भी इस अभियान का एक अंग होगा। भाजपा और समाजवादी पार्टी के कामों का अन्तर जनता तक पहुंचाया जाएगा।