वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने बैंक और एटीएम में नकदी संकट को केन्द्र सरकार की अपरिपक्वता का सबूत बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की जल्दबाजी में किए जा रहे फैसलों का नतीजा है।
शरद यादव ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी के बाद जीएसटी और आधार कार्ड को लागू करने सहित सरकार के जल्दबाजी भरे तमाम फैसले उसकी अपरिपक्वता को दर्शाते हैं जिसका नतीजा आज नकदी सकंट के रूप में दिख रहा है। इसका सीधा खामियाजा सिर्फ जनता को भुगतना पड़ रहा है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यादव ने विभिन्न राज्यों में पिछले कुछ दिनों से बैंक और एटीएम में गहराये नकदी संकट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह सब सरकार की अपरिपक्व सोच और जल्दबाजी में किए जा रहे फैसलों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसलों से देश का नुकसान तो हुआ ही है। साथ ही, ये फैसले समाज को बांटने का भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा पिछले चार सालों में किसी भी क्षेत्र में कोई सुधार नहीं हुआ है।
गौरलतब है कि मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में नकदी का संकट गंभीर हो गया है। लोगों की शिकायत है कि ज्यादातर एटीएम में कैश नहीं है, जिनमें से पांच सौ और दो हजार के नोट गायब हैं।
वहीं, कुछ राज्यों में नकदी की किल्लत के मामले में सरकार का कहना है कि बैंकों में पहले की तुलना 2000 रुपये के नोट कम आ रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि पिछले तीन महीने से देश के कुछ राज्यों में असामान्य रूप से नकदी की मांग बढ़ गई है।