मणिशंकर अय्यर के पाकिस्तान को लेकर दिए गए बयान से अब कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा उन्हें (मणिशंकर को) पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
सिंघवी ने बुधवार को कहा कि मणिशंकर अय्यर का बयान उनका अपना है। वह पार्टी से निलंबित हैं। उन्हें पार्टी की ओर से बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
The remark is his own, he is suspended from the Congress party. He doesn't have any right to speak on the behalf of the party: Abhishek Singhvi, Congress on Mani Shankar Aiyar. pic.twitter.com/wFKedFgViC
— ANI (@ANI) February 14, 2018
इससे पहले कांग्रेस से निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा पाकिस्तान को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उनके खिलाफ दिल्ली के निजामुद्दीन थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत बीजेपी के नेता और सुप्रीम कोर्ट वकील अजय अग्रवाल ने दर्ज कराई है। शिकायत में मणिशंकर अय्यर की गिरफ्तारी की मांग की गई है।
कांग्रेस नेता ने भी अय्यर के बयान को गलत ठहराते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को खत लिखकर पार्टी से बाहर करने की मांग की है। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी सचिव और पूर्व सांसद हनुमंत राव ने हमला बोलते हुए कहा कि उनके बयान की वजह से पार्टी को गुजरात चुनाव में नुकसान का सामना करना पड़ा, लेकिन वो नहीं सुधरे और फिर पाकिस्तान में उन्होंने उल्टा बयान दे दिया, जिसका खामियाजा कांग्रेस को कर्नाटक चुनाव भुगतना पड़ सकता है। इसलिए मणिशंकर अय्यर को तुरंत पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए।
अय्यर का बयान
अय्यर ने भारत के साथ बातचीत के जरिये मुद्दे के समाधान की इच्छा जताने के लिए पाकिस्तान की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि आपसी विवादित मुद्दों के समाधान का एकमात्र रास्ता निर्बाध संवाद ही है।
अय्यर ने यह टिप्पणी तब की थी जब वह कराची साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान बातचीत के जरिए सभी मुद्दों का समाधान चाहता है और वह अपनी इस नीति पर अडिग है, इसका उन्हें गर्व है लेकिन भारत सरकार इस नीति का पालन नहीं कर रही है, इसका उन्हें दुख है।'
कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं ने जोरदार तालियां बजाईं। साथ ही कांग्रेस नेता ने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर और आतंकवाद दो मुख्य मुद्दे हैं और इनका समाधान निकालने की जरूरत है। इसके लिए भारत और पाकिस्तान को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ सरकार द्वारा तैयार किए गए फ्रेमवर्क को स्वीकार करना चाहिए।