ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (आईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार शाम को हुई फायरिंग के मामले में अब यूपी पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी है। अब इस मामले को लेकर यूपी पुलिस ने बताया है कि आखिर क्यों इन दोनों युवकों ने ओवैसी की गाड़ी पर फायरिंग की थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की तरफ से इसे लेकर एक बयान जारी किया गया है।
यूपी पुलिस की तरफ से बताया गया है कि अब तक की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया है कि वे सांसद जी के एक धर्म विशेष के प्रति भाषण देने की शैली से आहत थे और उन्होंने बताया है कि उन्होंने इसी वजह से इस घटना को किया। समुचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जा चुका है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि विस्तृत पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज से इस घटना में दो लोगों के शामिल होने का पता चला। दोनों व्यक्तियों को पुलिस ने कुछ घंटे के अंदर ही गिरफ़्तार कर लिया, घटना में इस्तेमाल हथियार और एक कार बरामद की गई है। यूपी में किसी भी तरह की गड़बड़ी की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, उचित कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि ओवैसी ने गुरुवार को शाम 6 बजे ट्वीट कर हमले की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था, ''कुछ देर पहले छिजारसी टोल गेट पर मेरी गाड़ी पर गोलियाँ चलाई गयी। 4 राउंड फ़ायर हुए। 3-4 लोग थे, सब के सब भाग गए और हथियार वहीं छोड़ गए। मेरी गाड़ी पंक्चर हो गयी, लेकिन मैं दूसरी गाड़ी में बैठ कर वहाँ से निकल गया। हम सब महफ़ूज़ हैं। अलहमदु’लिलाह।''
इस हमले को लेकर ओवैसी ने यूपी सरकार, मोदी सरकार के लेकर चुनाव आयोग से गुहार लगाई है कि मामले की स्वंतत्र जांच की जाए। उन्होंने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि एक सांसद पर 4 राउंड फायरिंग की जाती है। ओवैसी के काफिले पर हुए हमले की समाजवादी पार्टी ने निंदा भी की थी। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा था कि लोकतंत्र में किसी भी तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।