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महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना में बढ़ी तकरार, पहले से तय बैठक हुई रद्द

महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है जबकि बीजेपी और उसके सहयोगी दल...
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना में बढ़ी तकरार, पहले से तय बैठक हुई रद्द

महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है जबकि बीजेपी और उसके सहयोगी दल शिवसेना में तकरार और बढ़ती जा रही है। मंगलवार को चार बजे की बैठक शिवसेना और बीजेपी के बीच नहीं हो पाई। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच आज चार बजे की बैठक सूचीबद्ध थी। लेकिन, अगर खुद मुख्यमंत्री कहते हैं कि 50-50 के फॉर्मूले पर कोई चर्चा नहीं हुई तो फिर क्या बात होगी? किस आधार पर उनसे हम बात करेंगे? इसलिए, उद्धव जी ने आज की बैठक रद्द कर दी है।

पांच साल मैं ही सीएम रहूंगा: फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पांच साल तक मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि हमें 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है और पांच अन्य विधायकों के समर्थन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 फॉर्मूला जैसा कोई समझौता नहीं हुआ। इससे पहले शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भाजपा पर दबाव बनाते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे के पास भी विकल्प हैं, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते। वहीं, सरकार बनाने पर अंतिम फैसले के लिए बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बैठक की बात कही जा रही है।

अगले हफ्ते शपथग्रहण की उम्मीद: फडणवीस

दिवाली के मौके पर पत्रकारों के साथ चर्चा में फडणवीस ने शिवसेना की ओर से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूला को पूरी तरह से नकार दिया। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते शपथ ग्रहण की उम्मीद है। इससे पहले सोमवार को फडणवीस और शिवसेना नेता दिवाकर रावते ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अलग-अलग मुलाकात की थी। दोनों ही नेताओं ने इस मुलाकात को दीपावली के अवसर पर सौजन्य भेंट बताया था।

महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है: संजय राउत

सरकार बनाने में देरी के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं, जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरदजी (शरद पवार) ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया और कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। सोमवार को राउत ने कहा था कि हमारी प्राथमिकता है कि शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बने। इस पद के लिए नेता का नाम उद्धव ठाकरे तय करेंगे। लेकिन शिवसैनिकों की इच्छा है कि विधायक बन चुके युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश का नेतृत्व करें। इससे पहले हरियाणा में भाजपा ने बहुमत से दूर रहने पर जजपा के साथ गठबंधन कर उसके अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद दे दिया था।

भाजपा-शिवसेना कवायद में जुटीं

दोनों ही पार्टियां छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं। दो निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल और महेश बाल्दी ने मंगलवार को भाजपा को समर्थन दिया। सोमवार को अहमदनगर की निवारी सीट से क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के विधायक शंकरराव गडाख ने शिवसेना को समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे पहले शनिवार को प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू और राजकुमार पटेल ने उद्धव से मिलकर शिवसेना को समर्थन देने की बात कही थी। निर्दलीय विधायक आशीष जायसवाल और नरेंद्र भोंडकर भी उसके पाले में आ चुके हैं। शिवसेना के पास अब 60 विधायकों का समर्थन है। उधर, भायंदर विधायक गीता जैन, राजेंद्र राउत और अमरावती विधायक रवि राणा ने भाजपा को समर्थन दिया है।

उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं अमित शाह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद सरकार गठन को लेकर कोई सटीक रूपरेखा सार्वजनिक हो सकती है। शाह मुंबई में विधानसभा पार्टी के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा के नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक में हिस्सा लेंगे। इसमें पार्टी के सभी विधायक, प्रदेश के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

मुख्यमंत्री पद की मांग पर विवाद बढ़ा

24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना के कुछ नेताओं ने मांग की है कि राज्य में ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का मुख्यमंत्री बने। शिवसेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 50:50 फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए मांग की थी कि दोनों पार्टियों के नेताओं को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले। शिवसेना के प्रताप सरनाइक ने कहा कि उद्धव को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा आलाकमान से लिखित में लेना चाहिए। हालांकि, इसके बाद महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य में अगले 5 साल भाजपा के नेतृत्व में ही सरकार चलेगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।

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