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शिवसेना के ये पांच बयान जिसने भाजपा को किया असहज

भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के बीच काफी लंबे समय से कलह चल रही है। अब शिवसेना...
शिवसेना के ये पांच बयान जिसने भाजपा को किया असहज

भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के बीच काफी लंबे समय से कलह चल रही है। अब शिवसेना बेबाकी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों के खिलाफ बोल रही है। विरोध का आलम ये है कि शिवसेना ने भाजपा को अपना प्रमुख शत्रु बताया है।

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि भाजपा कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ निशाना साधने के बजाय भाजपा शिवसेना पर हमले करती है, इसलिए पार्टी भाजपा को अपना मुख्य दुश्मन मानती है। हालांकि इस बयान में शिवसेना भाजपा को अपने खिलाफ हमलावर बता रही है। बता दें कि ऐसे कई मौके आए जब शिवसेना ने भाजपा का खुल्लमखुल्ला विरोध किया है। आइए ऐसे ही कुछ बयानों पर नजर डालते हैं।

‘क्या आप हमें देशद्रोही कहेंगे?’

इसी साल जुलाई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सामना में दिए अपने साक्षात्कार में कहा कि नोटबंदी की वजह से तकरीबन 15 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है। इसका मतलब है कि नोटबंदी के चलते सीधे तौर पर 60 लाख लोगों को नुकसान हुआ है। ऐसे में आपको इन लोगों को नौकरी देनी चाहिए। यही नहीं शिवसेना ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाया, “क्या आपके पास स्टार्ट अप और मेक इन इंडिया को बैलेंस करने की कोई योजना है, वह उस वक्त जब आपके फैसलों से लोगों की नौकरी जा रही है। क्या यह सवाल उठाने के लिए आप हमें देशद्रोही कहेंगे।” उद्धव ठाकरे ने कहा कि पीएम मोदी के गुजरात में जीएसटी के चलते व्यापारियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

‘सिन्हा की दलीलों को गलत साबित करके दिखाए भाजपा’

सितबंर में शिवसेना ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वह देश की अर्थव्यवस्था की हालत पर यशवंत सिन्हा की टिप्पणियों को गलत साबित करके दिखाए। यशवंत सिन्हा ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जैसे अर्थशास्त्री कह रहे थे कि तो उन्हें पागल कहा गया और जब शिवसेना और अन्य ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए तो उन्हें देशद्रोही कहा गया।

‘हमें देशभक्ति नहीं सिखाएं’

दशहरे के दैरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा से कहा, “वो दिन अभी आया नहीं है कि हमें देशभक्ति सिखाने की जरूरत पड़े। मुंबई के शिवाजी पार्क में शनिवार की रात को दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जो लोग नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं वह देशभक्त हैं। और जो लोग नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं वह देशद्रोही हैं।” ठाकरे ने जम्मू और कश्मीर में पीडीपी के साथ भाजपा के सत्ता साझा करने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि कश्मीर में पीडीपी के साथ भाजपा कौन सा आदर्शवादी बंधन है। जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जा बहाल करें।

‘दबाई जा रही विपक्ष की आवाज’

इसी माह भांडुप नगर निकाय उपचुनाव जीतने के बाद भाजपा को निशाने पर लेते हुए शिवसेना ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्ता और धन का इस्तेमाल किया जा रहा है तथा भ्रष्ट तरीकों से चुनाव जीते जा रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया, ‘‘देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जहां राजनीतिक विपक्ष की आवाजों को दबाया जा रहा है। सभी संभव भ्रष्ट तरीकों से चुनाव जीते जा रहे हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘विपक्ष की आवाजों को दबाने के लिए सत्ता और धन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह का माहौल देश, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खतरनाक है।’’

‘तीन साल से प्रयोग ही कर रही सरकार’

मंत्रीमंडल फेरबदल के बाद शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के तीन साल से ज्यादा हो गए हैं पर आज भी इसमें नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि लोग अब भी ‘अच्छे दिन’ का इंतजार कर रहे हैं। सामना में पूछा गया, “बिहार, असम, ओडिशा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य बाढ़ से उजड़ गए हैं और सरकारी अस्पतालों में होने वाले मौतें रुकने का नाम नहीं ले रहीं हैं। कौन से मंत्रालय ने कौन सी समस्या सुलझाई है?”

शिवसेना ने कहा, “मंत्रिमंडल में विस्तार बीजेपी की राजनीतिक आवश्यकता थी और पार्टी ने बस वही किया।”

 

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