पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मध्यप्रदेश और जरूरत पड़ी तो राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। इस दौरान बीएसपी सुप्रीमो ने ये भी कहा कि ये कदम उन्होंने केवल भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए उठाया है। कांग्रेस की कई नीतियों से वह अभी भी सहमत नहीं हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीएसपी के दो विधायक जीते हैं और वहां सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को 2 विधायक की ही जरूरत है। ऐसे में अब कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। उधर, अखिलेश ने भी कांग्रेस को अपना समर्थन देने की पेशकश कर दी है।
बसपा प्रमुख ने कहा, 'जैसा कि मध्य प्रदेश में भाजपा अभी भी सरकार बनाने में जुटी है। चूंकि भाजपा को रोकना ही हमारी प्राथमकिता है इसलिए उसे सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस से विचारों में सहमति न होने के बावजूद हमने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। यही नहीं अगर राजस्थान में भी जरूरत हुई तो हम वहां भी कांग्रेस पार्टी को समर्थन देंगे।'
‘जनता ने अपने दिल पर रख कर दिया कांग्रेस वोट’
मायावती ने कहा कि इन तीन राज्यों की जनता भाजपा के गलत कामों से दुखी हो गई थी, इसी कारण चुनाव में भाजपा को वापस आते हुए नहीं देखना चाहती थी। भाजपा अपनी गलत नीतियों की वजह से हारी है। उन्होंने कहा कि जनता ने अपने दिल पर पत्थर रखकर कांग्रेस को वोट दिया है।
‘कांग्रेस इस फायदे को 29 में भुना सकती है’
उन्होंने कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस को बड़ा फायदा मिला है, जिसको 2019 में भी भुना सकती है। हमारी पार्टी के उम्मीदवारों ने कांग्रेस और भाजपा से संघर्ष किया है और काफी अच्छी संख्या में वोट हासिल किए हैं। हालांकि, मायावती ने कहा कि अधिक सीट जिताने में हमारे लोग सफल नहीं हो सके हैं ऐसे हालातों में सभी उम्मीदवारों को बधाई देती हूं।