तृणमूल कांग्रेस की नेता सागरिका घोष ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र और हरियाणा सरकार जिम्मेदार हैं, लेकिन वे इसके लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर दोषारोपण कर रही हैं। घोष ने सवाल किया कि केंद्र प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय योजना पर काम क्यों नहीं कर रहा।
सागरिका घोष ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हर साल यही कहानी है, दिल्ली में अक्टूबर में प्रदूषण बढ़ जाता है और केंद्र सरकार इसका दोष दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर मढ़ देती है। केंद्र सरकार सभी राज्यों से परामर्श करने के बाद राष्ट्रीय योजना पर काम क्यों नहीं कर रही है, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके? प्रदूषण पर यह राष्ट्रीय योजना कहां है?"
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार चुनाव लड़ने और गैर-एनडीए दलों द्वारा शासित राज्यों को निशाना बनाने पर केंद्रित है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सदस्य ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर दिल्ली सरकार के साथ सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में वायु और जल प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए केंद्र और हरियाणा सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। घोष ने कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम क्यों नहीं कर रही है? वायु और जल प्रदूषण के कारण लोगों की पीड़ा भाजपा और केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय नहीं है।"
उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार भी दिल्ली सरकार के साथ सहयोग नहीं कर रही है। हमारा मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार जिम्मेदार हैं।" ठंड के मौसम के साथ-साथ प्रदूषण दिल्ली पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, शहर में वायु गुणवत्ता "खराब" श्रेणी में बनी हुई है, हालांकि हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार पिछले वर्षों की तुलना में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है।
15 सितंबर से 19 अक्टूबर के बीच कुल 2,733 खेत में आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं - पंजाब में 1,393, हरियाणा में 642, उत्तर प्रदेश में 687 और दिल्ली में 11। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के लिए भाजपा शासित हरियाणा में 'पराली' (धान की पराली) जलाने, डीजल बसों और ईंट भट्टों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दिल्ली में यमुना नदी में झाग आने के लिए भी हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसा नदी में छोड़े गए अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट जल के कारण हो रहा है।