संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' रिलीज से पहले ही विवादों में घिरी हुई है। इस फिल्म को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब मोदी सरकार में मंत्री उमा भारती ने भी इस फिल्म को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
केंद्रीय जल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस विवाद को लेकर एक खुला पत्र साझा किया है। उन्होंने कहा है कि फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। अपनी बात कहते हुए उन्होंने लिखा है कि अलाउद्दीन खिलजी की रानी पद्मावती पर बुरी नजर थी और इसके लिए उसने चित्तौड़ को नष्ट कर दिया था।
मेरा खुला पत्र #Padmavati pic.twitter.com/xXFqfVvlCt
— Uma Bharti (@umasribharti) November 4, 2017
बता दें कि इससे पहले मोदी सरकार की सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी साफ कर चुकी हैं कि फिल्म रिलीज को लेकर कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए सरकार ध्यान रखेगी।
उमा भारती ने शुक्रवार को भी एक के बाद एक कई ट्विट किए जिसमें उन्होंने कहा कि वह इस विषय पर तटस्थ नहीं रह सकती हैं। मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी के अस्मिता से जोड़ा जाए।
उन्होंने इस विवाद को सुलझाने के लिए सलाह दी थी कि रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार, आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाए और इस पर फैसला करें। उन्होंने कहा, मैं अपने बात पर अडिग हूं, भारतीय नारी के सम्मान से खिलवाड़ नही। भूत, वर्तमान और भविष्य- कभी भी नही।
बता दें कि चित्तौड़गढ़ की महारानी पद्मावती पर आधारित संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' एक दिसम्बर को रिलीज हो रही है।
रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नही रह सकती। मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी के अस्मिता से जोड़ा जाए।/1
— Uma Bharti (@umasribharti) November 3, 2017
क्यो न रिलीज़ से पहले इतिहासकार, फ़िल्मकार और आपत्ति करने वाला समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाये और वो इसपर फैसला करे/2
— Uma Bharti (@umasribharti) November 3, 2017
मैं अपने बात पर अडिग हूं, भारतीय नारी के सम्मान से खिलवाड़ नही। भूत, वर्तमान और भविष्य - कभी भी नही।
— Uma Bharti (@umasribharti) November 3, 2017