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शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा, एनसीपी ने रखी थी शर्त

महाराष्ट्र में रोज बदल रहे घटनाक्रम में शिवसेना के कोटे से केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अरविंद सावंत ने...
शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा, एनसीपी ने रखी थी शर्त

महाराष्ट्र में रोज बदल रहे घटनाक्रम में शिवसेना के कोटे से केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। असल में राज्यपाल द्वारा शिवसेना को राज्य में सरकार गठन के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद एनसीपी ने गठबंधन के लिए शिवसेना के सामने शर्त रखी थी। 

अरविंद सावंत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा भाजपा चुनाव से पहले के अपने वादों से मुकर गई। नैतिक रूप से मेरे लिए यह सही नहीं था कि मैं केंद्र में अपने पद पर रहूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था- शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। 

एनसीपी ने शर्त रखी थी कि शिवसेना को एनडीए से अलग होना होगा और केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देना होगा।रविवार को सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐलान किया कि वह सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी।

कांग्रेस से बातचीत के बाद ही होगा कोई फैसला: शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि अभी किसी के इस्तीफे के बारे में मेरी किसी से बात नहीं हुई। हम आज कांग्रेस से बात करेंगे। जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह कांग्रेस से बातचीत के बाद लिया जाएगा। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की। बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल समेत कई नेता पहुंचे। खड़गे ने बताया कि हमने 4 बजे अपने महाराष्ट्र के नेताओं की बैठक बुलाई है।

भाजपा को 50-50 फॉर्मूले की जगह विपक्ष में बैठना मंजूर: राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने अरविंद सावंत के इस्तीफे की जानकारी देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अगर दोनों (भाजपा-शिवसेना) में जो बातचीत हुई थी, उसको माना जाता, तो यह स्थिति नहीं बनती। उन्हें शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं देना है, 50-50 के फॉर्मूले पर अमल नहीं करना है लेकिन विपक्ष में बैठना मंजूर है। बीजेपी के इस अहंकार को मैं महाराष्ट्र की जनता का अपमान मानता हूं।'

भाजपा ने सरकार गठन से किया इनकार

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार को शिवसेना को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया। शिवसेना राज्य में दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। राज्यपाल ने शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से इस बारे में पूछा। इससे पहले शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़ा दल होने के नाते भाजपा को सरकार गठन का न्योता दिया था। केयरटेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात की। रविवार को भाजपा विधायकों की बैठक हुई। इसके बाद महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हम सरकार नहीं बनाएंगे। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनादेश भाजपा-शिवसेना को साथ काम करने के लिए दिया गया था। अगर शिवसेना इसका सम्मान नहीं करना चाहती और कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाना चाहती है तो हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। कांग्रेस और शिवसेना ने भी अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। 

एनसीपी ने शिवसेना के सामने रखी यह शर्त

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उन्हें ऐलान करना होगा कि उनका भाजपा से कोई संबंध नहीं है। उन्हें एनडीए से खुद को अलग करना होगा और उनके मंत्रियों को केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देना होगा।

मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा: राउत

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि भाजपा बहुमत जुटाने में नाकाम रहती है तो शिवसेना अपने प्लान पर अमल करेगी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे जी ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा। अगर उद्धव जी ने कहा है इसका मतलब है हर हाल में मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा।

हमने अभी कुछ तय नहीं किया: कांग्रेस 

कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि हम चीजों पर नजर रख रहे हैं। हम अभी मिल रहे हैं और देख रहे हैं कि हमारे पास क्या विकल्प हैं। हमने कुछ भी अभी तय नहीं किया है।

'शिवसेना को हमारी शुभकामनाएं'

भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा, राज्यपाल ने नई सरकार के गठन के लिए भाजपा को न्योता दिया। शिवसेना ने जनादेश का निरादर करते हुए अनिच्छा जाहिर की। हमने राज्यपाल को बता दिया है कि हम सरकार नहीं बनाएंगे। शिवेसना ने जनादेश का अपमान करके अगर कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनानी है तो हमारी शुभकामनाएं।

शरद पवार ने सरकार में शामिल होने से इनकार किया था

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बीजेपी-शिवसेना राज्य में सरकार बनाएं। हमें जनता ने विपक्ष के लिए चुना है, हम विपक्ष में ही बैठेंगे। मेरे पास अभी कहने के लिए कुछ नहीं है। भाजपा-शिवसेना को लोगों का जनादेश मिला है, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द सरकार बनानी चाहिए। हमारा जनादेश विपक्ष की भूमिका निभाना है। पवार ने कहा- अब केवल एक ही विकल्प है कि भाजपा और शिवसेना को मिलकर सरकार बनाना चाहिए।

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