कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा है कि नागरिकता बिल के कारण कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश भर में अशांति है, लेकिन सबसे खराब स्थिति पूर्वोत्तर राज्यों में है। पूर्वोत्तर राज्यों के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, इस बिल के खिलाफ हैं।
नागरिकता संशोधन बिल 2019 इसी सप्ताह संसद के दोनों सप्ताह में पारित किया गया है और इसे अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाना है। इससे पहले बिल पर पीएम मोदी के आश्वासन पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि वहां के लोग प्रधानमंत्री का संदेश नहीं पढ़ सकते क्योंकि वहां इंटरनेट सेवा बंद है। बता दें कि असम में प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुबह ट्वीट कर शांति बनाए रखने की अपील की।
पूर्वोत्तर में मचा है बवाल
नागरिकता बिल के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बवाल मचा हुआ है। खासकर पूर्वोत्तर राज्यों के असम में अफरातफरी का माहौल है। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ जैसे इलाकों में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसके कारण ट्रेन, फ्लाइट सेवाएं प्रभावित हुई हैं। त्रिपुरा में सेना को बुलाया गया है जबकि असम में सेना को तैयार रहने को कहा गया है। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवाओं को बंद किया जा चुका है।
यह है विरोध की वजह
इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। वहीं पूर्वोत्तर के मूल निवासियों का कहना है कि बाहर से आकर नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविका को खतरा है। लिहाजा आसू और अन्य संगठन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।