अण्णा ने आम आदमी पार्टी के चंदे की जानकारी सार्वजनिक नहीं किए जाने से नाराजगी जताई है। अण्णा ने केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि आप ने जनता को एक-एक पाई का हिसाब देने का वादा किया था लेकिन इस वादे को नहीं निभाया गया। अण्णा ने कहा कि पार्टी के एनआरआई समर्थकों ने आप के चंदा बंद अभियान की शुरुआत की है और इसकी शुरुआत राजघाट से की गई है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पारदर्शिता की बात करने वाली पार्टी के खिलाफ ऐसा आंदोलन शुरू करने की जरूरत पड़ गई।
गौरतलब है कि अमेरिका के डॉक्टर मुनीष रायजादा के नेतृत्व में पार्टी के एनआरआई समर्थकों ने आज से चंदा बंद अभियान की शुरुआत की है। इन एनआरआई समर्थकों ने इस मसले में अण्णा हजारे से मुलाकात भी की है। इन समर्थकों की सबसे बड़ी आपत्ति वेबसाइट से चंदे की लिस्ट को हटा लेना है। गौरतलब है कि जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था तब पार्टी ने खुद को अन्य पार्टियों से अलग करार देते हुए कहा था कि वह पूरी तरह समर्थकों से मिलने वाले चंदे पर आश्रित है और हर चंदे की पूरी जानकारी जनता को अपनी वेबसाइट के माध्यम से देगी। मगर पार्टी बाद में इस वादे से मुकर गई। आरंभ में कुछ समय तो यह जानकारी साझा की गई मगर जैसे-जैसे दिल्ली में आप सरकार का कार्यकाल बढ़ता गया वैसे-वैसे पारदर्शिता खत्म होती गई। अब तो यह जानकारी पूरी तरह हटा ली गई है। समाजसेवी अण्णा हजारे के दिल्ली में किए गए दो आंदोलनों ने लोगों में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के खिलाफ गुस्सा कई गुणा बढ़ा दिया था। इसी गुस्से को भुनाकर केंद्र में नरेंद्र मोदी भाजपा की पूर्ण बहुमत की जबकि केजरीवाल दिल्ली में 70 में 67 सीटें जीतने में कामयाब हो गए थे।
अण्णा ने पत्र में लिखा है कि आम आदमी पार्टी भी अब दूसरी पार्टियों जैसी हो गई है। उन्होंने पूछा कि क्या देश में स्वराज लाने का यह तरीका सही है। उन्होंने कहा कि मैं पहली बार केजरीवाल को पत्र लिखा है। (एजेंसी)