अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन के बीच एक बार फिर मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) में मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात है। किम से मिलने के बाद ट्रंप ने उत्तर कोरिया के क्षेत्र में कदम रखा, जिसके बाद वह ऐसा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं।
पूरी दुनिया के लिए बड़ा दिन: ट्रंप
किम से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा, 'यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा दिन है और मेरे लिए यहां होने बड़े सम्मान की बात है। बहुत कुछ हो रहा है।' वहीं उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि उन्हें इस मुलाकात की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी। किम ने कहा, 'ट्रंप के साथ शानदार संबंधों की वजह से हमें बाधाओं को पार करने में मदद मिली।' असैन्यीकृत क्षेत्र में किम से हाथ मिलाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरियाई क्षेत्र में भी कदम रखा और दोनों नेता कई कदम साथ-साथ चले। उनके साथ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन भी थे, जिन्होंने इस मुलाकात से पहले दोनों नेताओं की डीएमजेड के अंतर्गत 'संधि गांव' पनमुनजोम में मुलाकात की तस्दीक की थी।
जी-20 सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने दिए थे मुलाकात के संकेत
जापान के ओसाका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसके संकेत दिए थे कि किम से मिलने के लिए उन्हें उत्तर कोरिया की सीमा में कदम रखने को लेकर किसी तरह की 'दिक्कत नहीं है।' उन्होंने शनिवार को कहा था कि किम अगर दक्षिण कोरिया की सीमा पर उनसे मिलते हैं तो मुलाकात करते हैं, तो वह उत्तर कोरिया की सीमा में कदम रख सकते हैं और ऐसा करते हुए उन्हें किसी तरह की असहजता महसूस नहीं होगी।
ट्रंप ने किया ट्वीट
उन्होंने ट्वीट कर किम को डीएमजेड में मुलाकात का न्यौता देते हुए कहा था कि वह उनसे 'हाथ मिलाना' और उन्हें 'हैलो' कहना चाहेंगे। इसके बाद उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री ने कहा था कि यदि मुलाकात होती है तो यह दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों को गहरा करने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण अवसर होगा।
पहले भी हुई मुलाकात
उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ट्रंप और किम की पहली मुलाकात 12 जून को सिंगापुर में हुई थी, जिसमें कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त करने के मुद्दे पर बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी। इसके बाद दोनों नेताओं की मुलाकात 27-28 फरवरी को वियतनाम के हनोई में भी हुई, पर यहां वार्ता बेपटरी हो गई। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच कई मुद्दों पर मतभेद की वजह से बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया, जिसके अब एक बार फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है।