हाल के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए अच्छे प्रदर्शन से आहत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में विरोधी सीपीआई (एम) और कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की बात कही। ममता ने कहा, 'हमें भाजपा का एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिए।'
‘राष्ट्रीय मुद्दों पर एक साथ आ सकते हैं’
टीएमसी सुप्रीमो ने पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र के दौरान कहा, 'राज्य के लोग भाटपारा में देख रहे हैं कि अगर आप भाजपा को वोट देते हैं तो क्या होता है। मुझे लगता है कि हम सभी- टीएमसी, कांग्रेस और सीपीएम को भाजपा के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें राजनीतिक रूप से हाथ मिलाना है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य मुद्दों पर हम एक साथ आ सकते हैं।'
वामपंथ की कट्टर विरोधी रही हैं ममता
ममता बनर्जी को वामपंथ की कट्टर आलोचक के रूप में जाना जाता है, जो 2011 के विधानसभा चुनावों में लेफ्ट के शासन के 34 साल पूरे होने के बाद सत्ता में आईं। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल में अच्छा प्रदर्शन किया और 18 सीटें प्राप्त कीं, जबकि टीएमसी को 22 सीटें मिलीं।
लगातार भाजपा से बना रहा टकराव
ममता बनर्जी ने भाजपा पर लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में 'समानांतर प्रशासन' चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार समानांतर प्रशासन चलाने की कोशिश कर रही है। पिछले पांच साल से हम लड़ रहे हैं और हम लड़ते रहेंगे। हम चुनाव के बाद की हिंसा नहीं चाहते थे। भाजपा ने पुलिस के रूप में समानांतर प्रशासन चलाया और सभी चुनाव आयोग के अधीन थे।'
बनर्जी ने कहा, 'भाटपारा देखें कि आज उन्हें वोट देने के बाद क्या हो रहा है। वे आरएसएस के 1000 सदस्यों को बाहर से काम पर रख रहे हैं। हम उस घटना की निंदा करते हैं जहां एक आदमी को नारा नहीं लगाने के लिए ट्रेन से बाहर धकेल दिया गया था।'
भाटपारा में हुई थी हिंसा
भाटपारा में 20 जून को सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा से जुड़े होने के संदेह में दो समूहों के बीच झड़पों के बाद दो लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। यह क्षेत्र बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जो सीट भाजपा ने जीती थी।