बीजेपी के पुराने साथी शिवसेना के साथ जल्द ही गठबंदन टूटने के कगार पर है। शिवसेना की कार्यकारिणी ने इस बात का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने कहा कि वह 2019 में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी और एनडीए के साथ अपना गठबंधन खत्म करेगी।
23 जनवरी को बाल ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर शिवसेना ने बीजेपी से अपने रिश्ते खत्म करने का ऐलान किया। शिवसेना ने कहा कि उसने गठबंधन धर्म निभाने के लिए हमेशा ही समझौता किया है, लेकिन बीजेपी ने शिवसेना को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शिवसेना अब गरिमा के साथ चल सकेगी। पार्टी ने कहा कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
We will fight 2019 Assembly and Lok Sabha elections alone: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/tByUPrWfk8
— ANI (@ANI) January 23, 2018
Decision of Shiv Sena to go alone in 2019 was taken in the Party's national executive meet, Sanjay Raut had moved a resolution in this regard. pic.twitter.com/yVxfYBHO9w
— ANI (@ANI) January 23, 2018
शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। पारित प्रस्ताव में 2019 के लोकसभा चुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव को अकेले लड़ने का ऐलान किया गया था। पार्टी ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 25 और राज्य विधानसभा की 288 सीटों में 150 सीटों पर जीत की उम्मीद जताई।
हालांकि शिवसेना की तरफ दिए गए इस तरह के बयान के बाद महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र में सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। शिवसेना के आम चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत हमारी होगी। सीएम फडणवीस ने कहा कि शिवसेना इससे पहले भी बहुत कुछ कहती आई है, आप इंतजार कीजिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार अपना कार्यकाल जरूर पूरा करेगी।
#WATCH 'Lets wait, they have been saying many things, as of now we are in alliance in the Govt and this Govt will complete its term' says Maharashtra CM Devendra Fadnavis in #Davos on Shiv Sena going alone in 2019 pic.twitter.com/JEPm6Wcy5g
— ANI (@ANI) January 23, 2018
गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब शिवसेना की तरफ से भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ना का इस तरह का बयान आया है बल्कि इससे पहले भी कई बार पार्टी इस तरह के बयान दे चुकी है। आदित्य ठाकरे को शिवसेना की युवा इकाई की कमान सौंपने के बाद दोनों दलों के बीच तल्खी और बढ़ गई थी।
आदित्य ठाकरे ने यह चेतावनी दी थी कि एक साल के भीतर देवेन्द्र फडणवीस सरकार से शिवसेना खुद को अलग कर लेगी।