आईसीएआर के डायरेक्टर डॉ.विनय भारद्वाज ने कहा कि अगर किसान कम पेस्टीसाइड के कृषि उत्पाद उगाएगा तो निश्चित तौर पर उसे फसल का बेहतरीन दाम भी मिलेगा और खेत की मिट्टी के तत्व भी बरकरार रहेंगे। जरूरत सिर्फ किसान के जागरुक होने की है, और आईसीएआर इस नेक काम में साथ है। इस दिशा में एमडीएच की पहल ‘मेरे गांव की मिट्टी’ एक सराहनीय कदम है। गौरतलब है कि पिछले दिनों केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने इस जागरुकता अभियान की शुरुआत की थी।
देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने और फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ आय में इजाफा करने के लिए दिल्ली से नागौर पहुंचे ‘मेरे गांव की मिट्टी’ शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओं,’ जागरुकता अभियान का एमडीएच परिवार के सुरेश राठी और पूरी टीम ने स्वागत किया। सुरेश राठी ने दो अति महत्वपूर्ण घोषणाएं देश भर के किसानों के लिए की। पहली कि उनकी कंपनी उन किसानों को बाजार भाव से अतिरिक्त मूल्य देगा, जिनकी उपज विदेशी बाजार और देश के तय बाजार के मानकों के अनुसार होगी और जिनमें पेस्टीसाइड नहीं के बराबर पाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कंपनी आईपीएम क्वालिटी के जीरा को सामान्य जीरा के मुकाबले 15 फिसदी और मेथी पत्ता पर 20 फीसदी तक बाजार भाव से अधिक मूल्य पर खरीद करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईपीएम ग्रुप के चेयरमैन राजीव गुलाटी की इच्छा है कि नागौर में फसल खरीद के समय पेस्टीसाइड टेस्ट की सुविधा नागौर में ही हो, जिसके लिए राजस्थान सरकार, जिला प्रशासन, और आईसीएआर से लैब स्थापित करने में आवश्यक सहयोग की अपील की गई।
राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सी आर चौधरी ने कहा कि कंपनी का मकसद जागरुकता अभियान को जन चेतना का अभियान बनाना है, जिससे देश का हर किसान जागरुक हो और आम जन को स्वस्थ अन्न मिले। नागौर जिलाधीश अरुण कुमार पुरोहित ने विश्वास दिलाया कि पेस्टीसाइड लैब टेस्ट के लिए प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है।