छपाई की लागत के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। लेकिन नोटों की छपाई बंद नहीं हो रही है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि एक रुपये के नोट का प्रचलन कम हो गया है। आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक से एक रुपये के नोट के प्रचलन के बारे में जानकारी मांगी थी।
बंद हो एक रूपये का नोट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस बात की पुष्टि की है कि एक रुपये का नोट प्रचलन में नहीं आ रहा है। लेकिन फिर भी नोट छापा जा रहा है।
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