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कांग्रेस आलाकमान के आश्वासन के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का रुख नरम

काफी समय से असंतुष्ट चल रहे हरियाणा के कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने...
कांग्रेस आलाकमान के आश्वासन के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का रुख नरम

काफी समय से असंतुष्ट चल रहे हरियाणा के कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आलाकमान से आश्वासन मिलने के बाद नरमी के संकेत दे दिए हैं। पिछले दिनों उनके द्वारा रोहतक रैली में घोषित 25 सदस्यीय कमेटी के गठन की प्रक्रिया फिलहाल टाल दी गई है। रैली के बाद चुनावी तैयारियों के लिए कमेटी का गठन कांग्रेस से हुड्डा की दूरी का एक और कदम हो सकता था लेकिन राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान की पहल से दूरियां कम होती दिख रही है।

आलाकमान मुद्दा सुलझाने को तैयार

सूत्र बताते हैं कि आलाकमान ने हुड्डा की परिवर्तन रैली की भीड़ को गंभीरता से लिया और हरियाणा के मुद्दे को जल्द निपटाने का संकेत भी दिया। हुड्डा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि रैली के बाद आलाकमान की ओर से हुड्डा के पास फोन आया था। सूत्रों की मानें तो फोन पर बातचीत में आलाकमान के एक बड़े नेता ने कहा कि हरियाणा के मामले को 22 अगस्त के बाद सुलझा दिया जाएगा। 22 अगस्त को कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का 75वें जन्मदिन पर दिल्ली में बड़े समारोह का आयोजन कर रही है। इसके बाद आलाकमान हरियाणा के बारे में कोई बड़ा फैसला करेगी। इसके लिए आलाकमान ने फिर से हुड्डा को आश्वस्त किया है। कहते हैं कि अब हुड्डा ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। 

हुड्डा ने चुनाव कमेटी का गठन टाला

रैली के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि हुड्डा ने इस कमेटी का गठन किया है परन्तु हुड्डा के एक समीपी नेता ने खुलासा किया कि अभी कमेटी के गठन की प्रक्रिया को रोक दिया गया है। माना जा रहा है कि हुड्डा ने आलाकमान के आश्वासन के बाद कमेटी का गठन फिलहाल रोकने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर चिंतित दिखाई दे रहा है।

अशोक तवंर का भी रुख अब नरम

पार्टी आलाकमान नहीं चाहती कि विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव जैसा हो। दूसरी ओर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर भी हुड्डा को लेकर नरम पड़ गए हैं। उन्होंने कहा है कि हुड्डा कांग्रेस में रहेंगे और जो नेता कांग्रेस छोड़कर चले गए हैं, उन्हें वापस लाने के प्रयास होंगे। इससे साफ संकेत मिलता है कि पार्टी आलाकमान के रुख को देखते हुए ही तंवर ने ऐसा बयान दिया है। महज दो दिन पहले तक तंवर के हुड्डा के प्रति तेवर कड़े थे। 

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