जबकि प्रधानमंत्री ने जिस गांव को गोंद लिया उसका जिक्र वह करते रहते हैं। 543 सदस्यों वाली लोकसभा में भले ही विपक्ष इस योजना को महत्व नहीं दे रहा हो लेकिन सत्ता पक्ष और सहयोगी दलों के सांसदों की भी दिलचस्पी कम है। जानकारी के मुताबिक केवल 25 सांसद ही ऐसे हैं जो कि आदर्श गांव को लेकर गंभीर हैं बाकी जिन सांसदों ने आदर्श गांव गोंद लिया है वहां कुछ काम भी नहीं शुरू करा पाएं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि कैसे बनेंगे आदर्श ग्राम।
कैसे बनेंगे आदर्श ग्राम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना केवल कागजों में ही दिखाई पड़ रही हैं। आलम यह है कि खुद प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्रियों ने भी इस योजना को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
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