लालू प्रसाद की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी हर वर्ष छठ करती हैं। पिछले कई वर्षों से जो नेता या नौकरशाह लालू और उनके परिवार को कोई तवज्जो नहीं दे रहे थे वे सभी अपने समीकरण दुरुस्त करने खरना के बहाने राजद सुप्रीमो के घर हाजिरी दे रहे थे और उन्हें अपनी शकल दिखाने की जुगत लगा रहे थे। दिलचस्प बात यह थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर भी छठ की पूजा हो रही थी। उनकी भाभी व्रत कर रही थीं मगर नीतीश कुमार के निवास के बाहर गिनती की ही गाड़ियां खड़ी थीं।
खरना कूटनीति में इस बार भारतीय जनता पार्टी के नेता सबसे पिछड़ गए थे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के घर भी छठ का आयोजन था और घर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाया हुआ था मगर भीड़ का नामो निशां नहीं। कुछ लोग राजीव प्रताप रूडी के घर भी पहुंचे थे मगर पता चला कि रूडी इस बार छठ पर पटना में ही नहीं हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने छठ का अपना समय इस बार गंगा में नौका से भ्रमण कर और घाटों का निरीक्षण कर बिताया।
छठ के बहाने कम से कम इतना तो पता चल ही गया कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की हनक एक बार फिर से दिखाई देने जा रही है और इसकी शुरुआत शायद 20 नवंबर को नई सरकार के शपथ ग्रहण से ही दिखने लगे।