कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर 9 अक्तूबर को लखनऊ में बसपा की रैली हो रही है। लेकिन उससे ठीक पहले 21 सितंबर को भाजपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की रैली है। इस वजह से बसपा को बड़ी भीड़ दिखाकर शक्ति प्रदर्शन करना है। यही कारण है कि रैली की तैयारियां जोर शोर से शुरू कर दी गई हैं। तैयारियों के सिलसिले में सोमवार को फूलबाग कॉलोनी स्थित बसपा कार्यालय पर बैठक हुई जिसमें सभी उम्मीदवारों ने भाग लिया जहां प्रत्येक उम्मीदवार को सौ-सौ बसें रैली में लाने को कहा गया।
बैठक में मिले आदेश के अनुसार पांच हजार कार्यकर्ता हर विधानसभा क्षेत्र से रैली में पहुंचने चाहिए। फरमान सुनकर बसपाई उम्मीदवारों के होश उड़ गए हैं। 100 बस ले जाने परलाखों रुपये का खर्च आएगा जिसकी वजह से उम्मीदवार पसोपेश में हैं। बैठक में जब कई उम्मीदवारों ने कहा कि इतनी बसें क्षेत्र में किराये पर मिलती ही नहीं हैं तो पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि रेलगाड़ी के डिब्बे बुक करो पर भीड़ अवश्य लेकर जाओ। लोगों को ले जाने के लिए मिनी ट्रक भी किए जाने की सलाह दी गई। अब कई उम्मीदवार खर्च और व्यवस्था को लेकर परेशानी में हैं। लेकिन मजबूरी ये है कि सीधे-सीधे इनकार भी नहीं कर सकते क्योंकि ये फरमान सीधे सुप्रीमो की तरफ से आए हैं और ऐसे में उनके आदेश की अवहेलना करना टिकट तो दूर पार्टी से बाहर भी कर सकता है।