भारतीय जनता पार्टी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाया था। जनता से प्रदेश को अपराधमुक्त करने का वादा किया था। लंबे अरसे के बाद फिर से प्रदेश में पुलिस एक्टिव दिख रही है। आउटलुक को दिए साक्षात्कार में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था की स्थिति, पुलिसकर्मियों के अभाव जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात की। पढ़िए उसका अंश;
“हमें बिगड़ी हुई जर्जर व्यवस्था मिली थी। पुलिस के लोगों पर माफियाओं के हमले हो रहे थे। अपराधी उन पर गोली चला रहे थे। पुलिस पिटती थी। पुलिस डिफेंसिव थी। आज पुलिस ऑफेंसिव दिखाई दे रही है। 1200 से अधिक एंकाउंटर अब तक हुए हैं। हमारा दिशा-निर्देश स्पष्ट है। हमें करप्शन फ्री, क्राइम फ्री यूपी चाहिए। पुलिस और प्रशासन के कार्य में किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं। लेकिन, आम पब्लिक के प्रति अधिकाधिक संवेदनशीलता और अपराधियों के साथ सख्ती होनी चाहिए। अपराधियों को गिरफ्तार करिए। कहीं भी भयभीत होकर मत रहिए। वह अगर गोली चला रहा है तो डरिए मत, उसकी गोली का जवाब गोली से देने में संकोच मत करिए। इसका परिणाम है कि 1200 से अधिक एंकाउंटर हुए हैं अब तक यूपी में। इसमें हमारे कुछ जवान शहीद भी हुए हैं। दो सब इंस्पेक्टर शहीद हुए। सौ के आसपास जवान घायल भी हुए हैं। लेकिन, इस दौरान 1100 से अधिक अपराधी पकड़े गए हैं। 800 से ज्यादा अपराधियों ने भागकर दूसरे राज्यों में शरण ले ली है या वहां की अदालतों में सरेंडर किया है। पांच सौ से अधिक अपराधी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपनी बेल रिजेक्ट करा कर जेल के अंदर गए। लगभग 25 के आसपास दुर्दांत अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे भी गए। इससे पब्लिक के मन में एक विश्वास पैदा हुआ है। प्रदेश में पिछली सरकारों की कार्यप्रणाली भेदभावपूर्ण थी। भ्रष्टाचार से युक्त थी। न्यायालय ने भर्तियों की पारदर्शिता पर तमाम प्रश्न उठने के बाद रोक लगाई थी। हम लोग जब आए तो ये चैलेंज हमारे सामने भी आया। हम लोगों ने अपना नया एफिडेविट दाखिल किया कोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती से स्टे हटाया। अब प्रदेश में 42,500 से अधिक कांस्टेबल और पांच हजार से अधिक सब-इंस्पेक्टर की भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। हम आगामी तीन वर्ष में लगभग 1.5 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती करेंगे। उत्तर प्रदेश में सशस्त्र बल पीएसी की, जिसकी प्रदेश को दंगामुक्त करने में बड़ी भूमिका हुआ करती थी, पिछली सरकारों ने लगभग 54 कंपनियां बंद कर दी थी। हम इन सबको फिर से सक्रिय कर रहे हैं। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट यूनिट के गठन की भी स्वीकृति दे दी गई है। एनडीआरएफ की तर्ज पर एसडीआरएफ गठित होगा। प्रदेश में माफिया गिरोहों पर शिकंजा कसने और राष्ट्रविरोधी तत्वों से निपटने के लिए एटीएस की ताकत भी बढ़ाई जा रही है।“