मिश्र पार्टी की राज्य कमेटी में सचिव हैं और पार्टी की परंपरा के अनुसार कोई सचिव चुनाव नहीं लड़ सकता। लेकिन मिश्र की लोकप्रियता देखते हुए पार्टी ने परंपरा तोड़ी। मिश्र ने 200 सीटें जीतने का दावा किया और प्रदेश में सरकार बनाने की बात करने लगे। लेकिन इस दावे की हवा निकाल दी पार्टी के पूर्व सचिव विमान बोस ने। बोस ने यह टिप्पणी की कि अभी कटहल पका नहीं और मुंह पर तेल लगाए घूम रहे हैं। यानी सत्ता मिली नहीं लेकिन कुर्सी पर बैठने का ख्वाब देख रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में माकपा ने क्यो तोड़ी परंपरा
पश्चिम बंगाल में माकपा ने परंपरा तोड़ते हुए डॉ. सूर्यकांत मिश्र को विधानसभा का टिकट दिया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप
गूगल प्ले स्टोर या
एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement