उत्तरप्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में हालात संतोषजनक नहीं हैं। शिक्षकों की भारी कमी है। प्रशासनिक नौकरियों में चयन और नियुक्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। आउटलुक को दिए साक्षात्कार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन तमाम मसलों पर विस्तार से बात की। पढ़िए अंश;
“शिक्षा मित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो डायरेक्शन दिए हैं, हम लोग उसको लागू कर रहे हैं। टीईटी की परीक्षा भी हुई है। इनके लिए यह मौका है। शिक्षा-मित्रों को अलग से वेटेज भी दिया जाएगा। जहां तक शिक्षकों की कमी की बात है तो उसे पूरा करने के लिए हमें प्रदेश के अंदर बड़ी मात्रा में शिक्षकों की भर्ती करनी है। मुझे लगता है कि हम लोग अगले एक-डेढ़ साल के अंदर 1 लाख 76 हजार शिक्षकों की भर्ती की कार्रवाई को पूरा कर लेंगे। उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के लिए भी हम लोग आयोग गठित करके भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाना चाहते हैं, जिससे सभी संस्थानों को समय से नए सत्र में शिक्षक उपलब्ध हो सकें।
यूपीपीएससी की जो पुरानी प्रक्रिया थी, उसको हमलोगों ने पूरा अवलोकन किया और हमें लगा कि काफी धांधली हुई है। हम उस सबकी जांच कराने जा रहे हैं। सीबीआइ को मामला रेफर कर दिया है। यूपीपीएससी के साथ चीफ सेक्रेटरी स्तर पर कई बार बैठकें हो चुकी हैं। कार्य में तेजी और पारदर्शिता लाने की स्पष्ट हिदायत दे दी गई है।
बीएचयू की घटना पर जांच कमेटी बनाई गई। उसने जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी, उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया गया। एचआरडी मिनिस्ट्री को भी अवगत करा दिया गया। मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है। विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर का मामला है, हमलोग उसमें बहुत हस्तक्षेप नहीं करते। लेकिन, सभी विश्वविद्यालयों से इस बारे में एक अपील जरूर की गई है कि कहीं कोई भी ऐसी बात होती है तो पब्लिक के साथ सीधे संवाद और विश्वविद्यालयों में, महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं से सीधे संवाद स्थापित करके उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। इसके लिए मुझे लगता है कि संस्थाओं को अत्यंत सक्रिय और संवेदनशील होना होगा।“