कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात कम करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद करने की प्रतिबद्धता जताई है।
राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ एक ‘ऑनलाइन’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए चौहान ने किसान पंजीकरण के लिए सहकारी समितियों नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से ई-समृद्धि पोर्टल के शुरू किये जाने का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे सुनिश्चित खरीद का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करें।’’
एक सरकारी बयान में कहा गया कि मंत्री ने वर्ष 2015-16 से दलहन उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए राज्यों की प्रशंसा की, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज में सुधार के लिए और प्रयास करने का आह्वान किया।
चौहान ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में दालों के आयात पर अपनी निर्भरता 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर ली है। मूंग और चना में आत्मनिर्भरता हासिल हुई है।
घोषित प्रमुख उपायों में चालू खरीफ मौसम से शुरू की जाने वाली नई मॉडल दाल ग्राम योजना, चावल की कटाई के बाद दलहन की खेती के लिए परती भूमि का उपयोग, अरहर की अंतर-फसल को बढ़ावा, जलवायु-अनुकूल और कम अवधि की फसल किस्मों के विकास के अलावा गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता के लिए 150 दलहन बीज केंद्रों की स्थापना शामिल हैं।
चौहान ने नकदी फसलों और मिट्टी की उर्वरता बहाली की दिशा में फसल विविधीकरण की जरूरत बतायी। उन्होंने राज्यों से अपने बीज वितरण प्रणालियों और राज्य बीज निगमों को मजबूत करने का आग्रह किया।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों के कृषि मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया। उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया और सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने की उम्मीद जताई।
केंद्रीय मंत्री ने कृषि परिदृश्यों पर विस्तृत बैठक के लिए और सामूहिक रूप से मुद्दों का समधान करने के लिए राज्य के कृषि मंत्रियों को दिल्ली आमंत्रित किया।
बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव मनोज आहूजा और आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी उपस्थित थे।