हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बुधवार को विधानसभा में ध्वनि मत से शक्ति परीक्षण जीत लिया। हरियाणा विधानसभा में दो घंटे की लंबी चर्चा के बाद फ्लोर टेस्ट कराया गया। विपक्षी कांग्रेस द्वारा सदन बुलाने पर सवाल उठाने के बाद हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र हंगामेदार ढंग से शुरू हुआ था। विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने अध्यक्ष से सभी सदस्यों के आने तक सदन स्थगित करने की मांग की। हालांकि, स्पीकर ने कांग्रेस की मांग मानने से इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जिन्होंने मंगलवार को अपने पांच मंत्रियों के साथ शपथ ली, ने सदन के पटल पर विश्वास मत की मांग का प्रस्ताव पेश किया। सैनी द्वारा विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने के बाद सदन में मौजूद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के चार विधायक चले गए। दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी ने व्हिप जारी कर अपने 10 विधायकों को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सदन से अनुपस्थित रहने के लिए कहा था।
उन्होंने कहा, ''मैं एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से हूं, मेरे परिवार में कोई भी राजनीति में नहीं है। सैनी ने कहा, ''भाजपा के पार्टी कार्यकर्ता और आज मुझे इतना बड़ा मौका दिया गया है। मुझे कहना होगा कि यह केवल भाजपा जैसी पार्टी में ही संभव हो सकता है।'' बहस के दौरान, हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को लाने के कदम को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।
हुड्डा में कहा, “बीजेपी ने एमएल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को पूरी तरह से स्टॉप गैप अरेंजमेंट के तहत सीएम नियुक्त किया है। सैनी नाइट वाचमैन।" उन्होंने आगे कहा, "लोग तय करेंगे कि किसके पास संख्या है। आप मुख्यमंत्री बदलते रहें, हम इस सरकार को बदल देंगे।" वहीं, कांग्रेस नेता रघुवीर सिंह कादियान ने भी बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ''किसानों की दुर्दशा सबके सामने है, जब सरपंच अपना हक मांगने आए तो उन पर लाठीचार्ज किया गया, आशा कार्यकर्ताओं को अपनी मांगों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।''
90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में, भाजपा के 41 विधायक हैं और उसे सात में से छह निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है।