रांची जमीन घोटाला मामले ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समन को चुनौती देने वाली झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अब सोमवार को सुनवाई होगी। हेमंत सोरेन के अधिवक्ता मुकुल रहोतगी की तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने अदालत से सुनवाई को एक सप्ताह टालने का आग्रह किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। सुनवाई की अगली तारीख सोमवार 18 सितंबर को मुकर्रर की गई है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के कोर्ट में आज सुनवाई होनी थी।
रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पहली बार पूछताछ के लिए 14 अगस्त को ही तलब किया था। जिसपर हेमंत सोरेन ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए ईडी को पत्र लिखकर समन को असंवैधानिक बताते हुए कानून का सहारा लेने की बात कही थी। कहा था कि उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान किया जा रहा है। वे पूर्व में ही ईडी को अपनी संपत्तियों की जानकारी दे चुके हैं।
पुन: 24 अगस्त को ईडी द्वारा बुलाये जाने पर हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई। जिसमें ईडी के अधिकार को चुनौती दी गई है। इसके बाद तीसरा समन जारी कर नौ सितंबर को बुलाया गया। मगर हेमंत सोरेन नहीं गये। उसी दिन राष्ट्रपति के आमंत्रण पर भोज में दिल्ली जाना था।
मैसेंजर से पत्र भेजकर ईडी को बता दिया कि इस संबंध में उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है अदालत का फैसला आने पर ही वे उसी अनुसार निर्णय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन के रिट में ईडी के अधिकार को चुनौती देने के साथ ही विधि मंत्रालय को भी पार्टी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार ईडी के अधिवक्ता मुकेश कुमार ने कैविएट फाइल कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हेमंत सोरेन की याचिका में कहा गया है कि ईडी को पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। इसलिए पूछताछ के लिए जारी किये गये समन के मद्देनजर हमेशा गिरफ्तारी का डर बना रहता है। बता दें कि रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी आईएएस अधिकारी रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन व न्यूक्लियस मॉल के मालिक बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल सहित एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये लोग अभी जेल में हैं।