हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है और कांग्रेस वहां जल्द ही सरकार बनाने जा रही है। सबसे रोचक बात यह रही है कि इस बार जनता ने एक 28 साल का युवा, चैतन्य शर्मा को भी सदन में एक प्रतिनिधि के रूप में भेजा है। कांग्रेस के इस युवा विधायक का मानना है कि हिमाचल प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को खुद स्थानीय घरेलू रोजगार लिए रास्ते बनाने होंगे, जिससे वो सरकार की मदद कर सकते हैं। उनका मानना है कि ऐसा होने से युवाओं को रोजगार के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
बता दें कि चैतन्य शर्मा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के पुत्र हैं और वो गगरेट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक हैं। चुनाव में चैतन्य शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मौजूदा विधायक राजेश ठाकुर को 15,685 मतों के अंतर से हराया। गौरतलब की इस बार हिमाचल प्रदेश में 68 नवनिर्वाचित विधायकों में से 23 पहली बार विधायक बने हैं। पहली बार विधायक बने, 23 विधायकों में कांग्रेस के 14, भाजपा के आठ और एक निर्दलीय है।
शर्मा ने दो साल पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपने विधानसभा क्षेत्र के भंजल वार्ड से जिला परिषद का चुनाव जीता था। जीतने के बाद शर्मा ने तीन प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए थे जिसमें कंप्यूटर और सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जाता था। हिमाचल प्रदेश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए शर्मा ने कहा कि युवाओं में काफी प्रतिभा और उत्साह है। प्रदेश की शिक्षा पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमारी शिक्षा बहुत अच्छे स्तर पर है और साक्षरता दर भी बहुत ज़्यादा है। तो वहीं दूसरी तरफ़ शर्मा ने कहा "हमारे युवाओं को किसी भी तरह के जोखिम या नौकरी के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है जिसके चलते हमें स्थानीय रोज़गार पर ध्यान देना होगा।"