प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर मुसलमानों के प्रति इतनी सहानुभूति है, तो एक मुस्लिम को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया जाता। और चुनावों में 50% सीटें मुसलमानों को क्यों नहीं दी जातीं?
प्रधानमंत्री मोदी हरियाणा के हिसार में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों को खुश करने की नीति अपनाई, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण संशोधित वक्फ अधिनियम का कांग्रेस द्वारा विरोध करना है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को खुश किया है, बाकी समाज को अशिक्षा और गरीबी में डुबोए रखा। संशोधित वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध इसी तुष्टिकरण का प्रमाण है।”
वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि नए प्रावधानों के तहत अब वक्फ बोर्ड भारत में आदिवासी समुदायों की भूमि या संपत्ति में हस्तक्षेप नहीं कर सकेगा। नये प्रावधान वक्फ की “पवित्र भावना” का सम्मान करेंगे और इससे मुस्लिम समाज के गरीबों और पसमांदा परिवारों, महिलाओं, विधवाओं और बच्चों को उनके वास्तविक अधिकार मिल सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर संविधान को "सत्ता प्राप्ति का उपकरण" बनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जब भी देखा कि सत्ता हाथ से फिसल रही है, उसने संविधान को रौंदा, जैसा कि आपातकाल के दौरान हुआ था।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने संविधान की भावना के साथ छल किया। संविधान कहता है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, जिसे मैं धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कहता हूं। हमने उत्तराखंड में इसे लागू किया, लेकिन कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है।”
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने डॉ. अंबेडकर के साथ कांग्रेस के कथित व्यवहार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर के साथ कैसा व्यवहार किया। उन्हें बार-बार अपमानित किया गया और दो बार चुनाव हरवाया गया।”