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"मैं चाहती थी सभी पार्टियां साथ लड़ें, इससे सबको फायदा होता": प्रियंका गांधी

उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के मतदान जारी हैं। इस बीच यूपी की राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदलने लगी है।...

उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के मतदान जारी हैं। इस बीच यूपी की राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदलने लगी है। यूपी में 2017 में हुए चुनाव साझेदारी के साथ लड़ने वाली कांग्रेस और सपा का गठबंधन इस बार न नहीं हो सका। दोनों पार्टियों ने चुनावी मैदान में अकेले जोर लगा रही हैं।

हालांकि तीन चरणों की वोटिंग के बाद यूपी में अंदरखाने ये खबर चलने लगी है कि अगर विधानसभा चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिलती है तो क्या ज़रूरत पड़ने पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी को समर्थन देगी? यही सवाल जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूछा गया तो उन्होंने इसपर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की।

हालांकि, प्रियंका गांधी ने कहा कि अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन चुनाव बाद जो भी स्थिति बनेगी उसके हिसाब से देखा जाएगा। आजतक कि एक खबर के मुताबिक, प्रियंका ने कहा है कि ऑप्शन ओपन है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियंका ने आगे कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां एकसाथ चुनाव मैदान में उतरी होती तो फायदा होता। प्रियंका ने यह भी कहा कि वो चाहती थी कि सब साथ लड़ें लेकिन चाहने से क्या होता है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के लिए बुधवार को मतदान जारी है। नौ जिलों लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, फतेहपुर, पीलीभीत और बांदा के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। दोपहर 3 बजे तक 49.89 प्रतिशत वोटिंग हुई है।

राज्य में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा)-राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ बहुकोणीय मुकाबला है।

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