बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होने पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का फिर से सत्ता में आना मुश्किल होगा। मायावती ने यहां एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए कहा, ''लंबे समय तक केंद्र और देश के अनेक राज्यों में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन उसकी गलत नीतियों के कारण उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा।’’
उन्होने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से भाजपा और उसके सहयोगी दल केंद्र एवं कई राज्यों की सत्ता पर काबिज हैं लेकिन उनकी भी जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण, सांप्रदायिक तथा द्वेषपूर्ण नीतियों और कथनी तथा करनी में अंतर की वजह से अब ऐसा लगता है कि इस बार भाजपा की केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है। बशर्ते, अगर यह चुनाव इस बार स्वतंत्र और निष्पक्ष होता है तथा आम चर्चा के मुताबिक वोटिंग मशीनों की कोई गड़बड़ी नहीं की जाती है।''
मायावती ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ''अब ऐसा लगता है कि कांग्रेस की तरह ही भाजपा ने भी केंद्र की तमाम सरकारी जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर दिया है। इसके अलावा देश का किसान वर्ग भी वर्तमान भाजपा सरकार के शासन में शुरू से ही अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर काफी दुखी और परेशान रहा है।''
उन्होंने कहा, ''पूरे देश में दलितों, आदिवासियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों का सरकारी नौकरियों में बरसों से आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है। निजीकरण की नीति की वजह से देश में इन वर्गों को बहुत कम ही आरक्षण का लाभ मिल पा रहा है।''
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिंदुत्व की आड़ में विशेषकर मुस्लिम समाज के लोगों के प्रति द्वेष भाव से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। केन्द्र में बसपा की सरकार बनने पर उसे रोका जाएगा। उन्होंने भाजपा सरकार में ब्राह्मण समाज का भी उत्पीड़न किये जाने का आरोप लगाया।
चुनावी चंदे का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा, ''देश में बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस, भाजपा और अन्य सभी विरोधी पार्टियों ने बड़े-बड़े पूंजीपतियों से चुनावी बांड द्वारा काफी पैसा लिया है लेकिन बहुजन समाज पार्टी में एक भी रुपया किसी पूंजीपति से नहीं लिया।''
उन्होंने कहा, ''पूर्व की सरकारों की तरह वर्तमान भाजपा सरकार के शासन में भी पूरे देश में गरीबी और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। देश में हर स्तर पर फैला भ्रष्टाचार भी अभी तक खत्म नहीं हुआ है। साथ ही देश की सीमाएं भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। यह भी बड़ी चिंता की बात है।''