कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संविधान को ‘‘कूड़ेदान में डालने की कोशिश करने’’ का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान पढ़ा होता तो उन्होंने ‘‘नफरत नहीं फैलाई होती और समाज को नहीं बांटा होता’’।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक चुनावी रैली में दावा किया, ‘‘भाजपा संविधान को कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रही है। हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पढ़ा होता तो उन्होंने नफरत नहीं फैलाई होती और समाज को नहीं बांटा होता।’’
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वह गरीबों का सम्मान करते हैं लेकिन वह कृषि ऋण तो माफ नहीं करते।
मोदी पर उन्होंने मुंबई के धारावी में एक लाख करोड़ रुपये की जमीन उद्योगपतियों को सौंपने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री मोदी से नहीं डरते, वह तो अरबपतियों की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं।’’
लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की वकालत करने वाले कांग्रेस नेता ने कहा कि यह जनगणना तो होकर रहेगी। उन्होंने कहा ‘‘जाति आधारित जनगणना भारत की तस्वीर बदल देगी। यह संस्थानों में आदिवासियों, दलितों और ओबीसी की स्थिति उजागर करेगी।’’
राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में जनता द्वारा निर्वाचित आदिवासी मुख्यमंत्री को भाजपा ने सलाखों के पीछे डाल दिया था।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। करीब पांच महीने जेल में बिताने के बाद 28 जून को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा किया गया।