प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दावा किया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपने नेतृत्व के मुद्दे को सुलझाने के लिए ‘एक साल, एक प्रधानमंत्री’’ के फॉर्मूले पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया सबसे बड़े लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था का उपहास करेगी।मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से इस हद तक नफरत करती है कि वह अपने ‘‘सबसे पसंदीदा समुदाय’’ को नौकरियों और शिक्षा में उन्हें मिलने वाला आरक्षण देना चाहती है।
उन्होंने धन के पुनर्वितरण की कांग्रेस की कथित योजना को ‘‘लोगों की संपत्ति छीनना’’ बताया और कहा कि पार्टी के ‘शहजादे’ (वायनाड सांसद राहुल गांधी के संदर्भ में) के एक सलाहकार ने अब विरासत कर लगाने का सुझाव दिया है। प्रधानमंत्री इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने धन के पुनर्वितरण के मुद्दे पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए अमेरिका में विरासत कर कानून के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा में नेतृत्व के मुद्दे पर स्पष्टता है, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन में इसका अभाव है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘लोगों को पता होना चाहिए कि ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता देश की बागडोर किसे सौंपना चाहते हैं।’’उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन के लोगों के बीच ‘एक साल, एक प्रधानमंत्री’ फॉर्मूले पर चर्चा चल रही है। इसका मतलब है कि एक साल में एक प्रधानमंत्री, दूसरे साल में दूसरा प्रधानमंत्री, तीसरे साल में तीसरा प्रधानमंत्री, चौथे साल में चौथा प्रधानमंत्री, पांचवें साल में पांचवां प्रधानमंत्री... वे प्रधानमंत्री की कुर्सी नीलाम करने में व्यस्त हैं।’
मोदी ने लोगों को इन नेताओं से सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि ये नेता ‘‘मुंगेरीलाल के सपने’’ जैसे दिवास्वप्न देख रहे हैं।प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से पूछा, "जब पांच साल में पांच प्रधानमंत्री होंगे तो देश का क्या होगा? क्या यह व्यवस्था आपके सपनों को पूरा करेगी और आपके बच्चों के भविष्य की रक्षा करेगी?’’ ऐसी व्यवस्था पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक नेता प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा और चार अन्य कुर्सी का एक-एक पैर पकड़कर बैठेंगे और एक साल खत्म होने का इंतजार करेंगे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको जागरूक करना चाहता हूं। यह बहुत डरावना खेल है जो देश को बर्बाद कर देगा, यह सपना सुंदर नहीं है, यह एक ऐसा खेल है जो आपके सपनों को चकनाचूर कर देगा। अपने वोट की ताकत को समझें।’’मोदी ने कहा कि दादा-दादी कठिनाइयों का जीवन जीते हुए अपनी अगली पीढ़ियों के लिए संपत्ति छोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन कांग्रेस इन संपत्तियों को छीनना चाहती है। उन्होंने चेताया, ‘‘कड़ी मेहनत और कठिनाइयां सहकर आपने जो धन इकट्ठा किया है, वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने पर आपसे लूट लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने वोट-बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने मुख्य विपक्षी दल पर हमला करने के लिए "संपत्ति पुनर्वितरण और विरासत कर" मुद्दों के बारे में बात की।मो दी ने कहा, ‘‘अगर किसी के पास एक से अधिक कार, मोटरसाइकिल या घर है, तो कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार आने पर इसे जब्त कर लिया जाएगा।’’प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र में नौकरियों और शिक्षा में धर्म आधारित आरक्षण की बात होने का दावा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने अभी कहा है कि वह मुसलमानों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो उन्होंने सबसे पहले आंध्र प्रदेश में धर्म आधारित कोटा लागू किया। उन्होंने कहा, ‘‘तब कांग्रेस अपनी योजना में पूरी तरह सफल नहीं हुई थी। लेकिन कांग्रेस अभी भी वह खेल खेलना चाहती है।’’ मोदी ने दावा किया कि कर्नाटक में ओबीसी के लिए आरक्षण को कमजोर करने के लिए दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मुसलमानों को उस श्रेणी में शामिल किया है।
उन्होंने चेताया, ‘‘कांग्रेस की यह कार्रवाई पूरे देश के ओबीसी समुदाय के लिए खतरे की घंटी है।’’ मोदी ने बताया कि संविधान निर्माताओं ने स्पष्ट रूप से तय किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे संविधान की मूल भावना थी, लेकिन कांग्रेस की हरकतें संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस पर बी.आर. आंबेडकर के बनाए संविधान को मिटाने और एससी,एसटी,ओबीसी से आरक्षण छीनने की लगातार कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस एससी,एसटी,ओबीसी से आरक्षण छीनकर अपने विशेष वोट बैंक को देना चाहती है।’’