पंजाब में चुनाव से पहले कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह जारी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू आमने सामने हैं। इस बीच सिद्धू ने एक और बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि उनके समर्थन में 78 विधायक हैं। माना जा रहा है कि सिद्धू इस बयान के जरिए आलाकमान को अपनी अहमियत बताना चाह रहे हैं।
एनबीटी के मुताबिक दिल्ली पहुंचने के बाद सिद्धू ने कहा कि उनके समर्थन में 78 एमएलए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में सब ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़ाई किसी पद को लेकर नहीं है। न ही फलाना बनाम फलाना की लड़ाई है, यह लड़ाई विचारधारा की है। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ा है। अपनी बात पार्टी फोरम के सामने रखी है।
उन्होंने एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि धड़ा, ग्रुप, राहुल प्रियंका सुप्रीम, सोनिया हमारी बॉस हैं। किसी ने अनुशासन भंग नहीं किया है। हर आदमी पार्टी के प्लैटफॉर्म में जाकर मन की बात कह सकता है। यह विचारधारा की...मतभेद की लड़ाई है। यह राजनीति का हिस्सा है। मेरा 17 साल का करियर है। मैं सिस्टम की कुरितियों को देख रहा हूं। मुझे यही बदलना है। 2017 में मैने राजनीति जॉइन की थी, सिस्टम को बदलने के लिए।
बताया जा रहा है कि बड़ा पेच नवजोत सिद्धू को बड़ा पद देने को लेकर है। हालांकि, सिद्धू ने बीते दिन एक वीडियो ट्विट किया। इसमें उन्होंने कहा कि वह 17 साल सांसद, विधायक, मंत्री रहे हैं… एक ही उद्देश्य है कि पंजाब को चला रहा सिस्टम बदले और लोगों की ताकत लोगों को मिले।