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हिमाचल प्रदेश संकट के बीच जयराम रमेश- 'पार्टी हित में सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे'

कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भाजपा अपने 'ऑपरेशन लोटस' के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के लोगों का जनादेश...
हिमाचल प्रदेश संकट के बीच जयराम रमेश- 'पार्टी हित में सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे'

कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भाजपा अपने 'ऑपरेशन लोटस' के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के लोगों का जनादेश नहीं छीन सकती और वह पार्टी के हित में कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी।

हिमाचल प्रदेश में पार्टी की सरकार पर संकट आने के बाद बुधवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन पर्यवेक्षकों--भूपेश बघेल, भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार--को शिमला भेजा है और उनसे बात की है।

उन्होंने कहा कि खड़गे ने पर्यवेक्षकों और राज्य के एआईसीसी प्रभारी राजीव शुक्ला से असंतुष्ट विधायकों सहित सभी विधायकों से बात करने और जल्द ही एक व्यापक रिपोर्ट उन्हें सौंपने को कहा है।

रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस कुछ सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी क्योंकि पार्टी हमारी प्राथमिकता है और हिमाचल प्रदेश में लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात नहीं होने देगी।" रमेश ने कहा, "हम भाजपा के 'ऑपरेशन लोटस' के माध्यम से लोगों का जनादेश नहीं खो सकते क्योंकि केवल लोग ही इसे वापस ले सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए भी जवाबदेही तय की जाएगी, जहां कांग्रेस उम्मीदवार हार गए। रमेश ने कहा, "व्यक्तिगत हित महत्वपूर्ण नहीं हैं क्योंकि पार्टी सर्वोच्च है।" उन्होंने कहा कि लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी कहा कि लोकतंत्र में आम जनता को अपनी पसंद की सरकार चुनने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता ने इस अधिकार का प्रयोग किया और स्पष्ट बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनाई।

गांधी ने एक्स पर कहा, "लेकिन भाजपा धनबल, एजेंसियों की ताकत और केंद्र की ताकत का दुरुपयोग करके हिमाचल के लोगों के इस अधिकार को कुचलना चाहती है। जिस तरह से भाजपा इस उद्देश्य के लिए सरकारी सुरक्षा और मशीनरी का उपयोग कर रही है वह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है।" 

उन्होंने कहा, ''अगर 25 विधायकों वाली पार्टी 43 विधायकों के बहुमत को चुनौती दे रही है तो इसका साफ मतलब है कि वह प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त पर निर्भर है।"

उन्होंने हिंदी में एक पोस्ट में कहा, "उनका यह रवैया अनैतिक और असंवैधानिक है। हिमाचल और देश की जनता सब कुछ देख रही है। जो भाजपा प्राकृतिक आपदा के दौरान राज्य के लोगों के साथ खड़ी नहीं हुई, वह अब राज्य को राजनीतिक आपदा में धकेलना चाहती है।" 

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