जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के बारामुला सीट से अपनी हार स्वीकार्य कर ली है। उन्हें अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और निर्दलीय उम्मीदवार शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद के हाथों हार मिली है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मुझे लगता है कि यह अपरिहार्य को स्वीकार करने का समय है। उत्तरी कश्मीर में जीत के लिए इंजीनियर राशिद को बधाई।" उन्होंने आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि उनकी जीत से उन्हें जेल से जल्दी रिहाई मिलेगी और न ही उत्तरी कश्मीर के लोगों को वह प्रतिनिधित्व मिलेगा जिसका उन्हें अधिकार है, लेकिन मतदाताओं ने अपनी बात रखी है और लोकतंत्र में यही सब मायने रखता है।"
शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद कौन हैं?
-अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद फिलहाल आतंकी फंडिंग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
-वो अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख हैं।
-दो बार विधायक रह चुके इंजीनियर रशीद बारामुल्ला से चुनाव लड़ रहे 22 उम्मीदवारों में से एक थे।
-इंजीनियर रशीद को 2019 में आतंकी फंडिंग गतिविधियों के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। वह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत हिरासत में लिए जाने वाले पहले मुख्यधारा के नेता बन गए।
-इंजीनियर रशीद ने 2008 और 2014 में लंगेट विधानसभा क्षेत्र जीता और 2019 के संसदीय चुनावों में भी असफल रहे। अवामी इत्तेहाद पार्टी का नेतृत्व करते हुए उन्होंने इन चुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा।
इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से हार स्वीकार की। उन्होंने कहा, "लोगों के फैसले का सम्मान करते हुए मैं अपने पीडीपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सभी बाधाओं के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत और समर्थन के लिए धन्यवाद देती हूं। मेरे लिए वोट करने वाले लोगों के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता। हार-जीत खेल का हिस्सा है और यह हमें हमारे रास्ते से नहीं हटाएगा।" चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुज्जर नेता मियां अल्ताफ इस सीट से 2.29 लाख से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के सहयोगियों आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी और मियां अल्ताफ को भी बधाई दी, जो क्रमशः श्रीनगर और अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीटों से भारी अंतर से आगे चल रहे हैं।
अब्दुल्ला ने अपने पोस्ट में कहा, "मेरे @JKNC_ सहयोगियों रुहुल्लाह मेहदी और मियां अल्ताफ साहब को मेरी हार्दिक बधाई। मुझे खेद है कि मैं उनके साथ लोकसभा में शामिल नहीं हो पाऊंगा, लेकिन मुझे यकीन है कि वे दोनों जम्मू-कश्मीर के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हुए अद्भुत काम करेंगे।"