लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही झारखंड सरकार फिर चुनावी मोड में आ गई है। इसी साल के अंत में झारखंड में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। लोकसभा चुनाव में प्रदेश में इंडी गठबंधन को मिली बढ़त से राज्य सरकार उत्साहित है। कम समय में प्रदेश में फिर आदर्श चुनाव आचार संहिता लग जायेगी। इसे देखते हुए चम्पाई सरकार जनता को प्रभावित करने वाले नई नियुक्ति, कृषि ऋण माफी, बिजली में छूट, गैस पर भी सब्सिडी जैसे मसलों पर फैसले धड़ाधड़ ले रही है। उधर राज्य निर्वाचन कार्यालय ने भी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। सहयोगी कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ भी लगातार समन्व्य बैठकें चल रही हैं।
शुक्रवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी के अधिकारियों के साथ बैठक में किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी। सरकार गठन के बाद किसानों का 50 हजार रुपये कर्ज माफी का फैसला किया गया था। उन्होंने कहा कि दो लाख तक की माफी के लिए उन्होंने सभी बैंकों से प्रस्ताव देने करने को कहा है। 31 मार्च 2020 तक किसानों द्वारा लिया गया 50 हजार से दो लाख तक के ऋण को वन टाईम सेंटलमेंट के माध्यम से माफ किया जायेगा। बादल ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने वादे के मुताबिक ऐसे किसानों को राहत दी है, जो बैंक ऋण की वजह से चिंताग्रस्त थे। राज्य के करीब 4 लाख 73 हजार से ज्यादा किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किये जा चुके हैं। और इस मद में सरकार द्वारा 1900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बैंकों को दी गयी है।
चुनाव में किसानों की बदहाली के साथ बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा था। गुरूवार को मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने उच्चस्तरीय बैठक कर जेपीएससी (राज्य लोक सेवा आयोग) को निर्देश दिया कि सितंबर के अंतत तक आयोग प्रक्रियाधीन 40 हजार नौकरियों की प्रक्रिया पूरी करे। एक अन्य बैठक में उन्होंने रसोई को बोझ कम करने के मकसद से रसोई गैस के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया। इसके लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश् दिया। साथ ही आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़कर उसी तरह का लाभ देने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को राहत देते हुए सौ यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का फैसला किया था। चम्पाई सोरेन ने सत्ता संभालना के बाद इस राहत को बढ़ाकर 125 यूनिट कर दिया। इसका दायरा और बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को सर्वजन पेंशन का लाभ मिल सके इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।
जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चम्पाई सोरेन को झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है। इसी बीच अचानक स्टार के रूप में उभरी हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को लेकर चर्चा थी कि जल्द ही सत्ता की कमान उनके हाथ में होगी। गांडेय विधानसभा उप चुनाव में वे निर्वाचित हो चुकी हैं। अब कल्पना सोरेन से महसूस हो रहा खतरा हो या अपनी सरकार की साख बढ़ाने का मकसद, चम्पाई सोरेन तेजी से महत्वपूर्ण फैसले कर रहे हैं। गुरुवार को ही चम्पाई सोरेन ने राजधानी सहित राज्य के प्रस्तावित, निर्माणाधीन महत्वपूर्ण फ्लाईओवरों पर विमर्श के साथ प्रदेश के लिए महत्वाकांक्षी पेसा कानून पर भी अधिकारियों के साथ मंथन किया। कहा कि राज्य में बेहतर पेसा नियमावली लागू करना हमारी प्राथमिकता है। सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण और और 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति को सरना धर्म कोड की तरह उलझा कर रख दिया गया है, इसे लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से भी चम्पाई सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण वाली अनुशंसा हासिल कर ली है।
संभव है विधानसभा के अगले सत्र में इसे पुन: पेश किया जाये। चम्पाई सरकार द्वारा लिये जा रहे धड़ाधड़ फैसले से लोकसभा चुनाव में पटखनी खाई भाजपा में बेचैनी है। भाजपा सांसद और प्रदेश महामंत्री डा. प्रदीप वर्मा कहते हैं कि मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन समीक्षा बैठक कर रहे हैं यह केवल दिखावा है। पिछले साढ़े चार साल में झारखंड में लूट और भ्रष्टाचार के अतिरिक्त कुछ नहीं हुआ। बचे हुए चंद माह के लिए इस तरह की बैठकें सिर्फ दिखावा ही हैं। जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जमीन की अवैध खरीद बिक्री पर रोक और लंबित म्युटेशन में तेजी लाने को लेकर अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की धीमी रफ्तार को लेकर भी वे अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं। अबुआ आवास की रफ्तार बढ़ाने और इसके साथ शौचालय बनाने के लिए भी वे अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव के समापन के साथ ही विभागीय वरीय अधिकारियों के साथ फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर बैठक की तो कल्याणकारी योजनाओं को लेकर प्रदेश भर के उपायुक्तों और अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक कर आवश्यक निर्देश दिये हैं। अवैध माइनिंग पर रोक से लेकर राज्य में कानून-व्यवस्था बनाये रखने को लेकर बैठक की है। कुल मिलाकर चम्पाई सोरेन रेस में हैं और अपना परफार्मेंस दिखाना चाहते हैं ताकि उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव हो तो उसके नतीजे बेहतर दिखें, क्रेडिट मिले।
दूसरी तरफ राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार भी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं। लोकसभा चुनाव में कम वोटिंग वाले बूथों की माइक्रो लेबल र समीक्षा और मतदाता सूची पुनरीक्षण में जुट जाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है। उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव में मतदाताओं द्वारा प्राप्त शिकायतों के निराकरण पर की जा रही कार्रवाई के लिए सभी जिलों के निर्वाचन संबंधी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की कहा कि लोक सभा निर्वाचन के दौरान मतदाता सूची से गलत विलोपन की कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं, इसमें सुधार किया जाये। किसी भी कारण अब तक छूटे मतदाताओं को भी मतदाता सूची से जोड़ने का कार्य किया जाए। कहा कि विधानसभा चुनाव निकट है पदाधिकारी अपने क्षेत्रों में भ्रमण करते हुए स्वछ मतदाता सूची के निर्माण कार्य की प्रक्रिया को गति दें।